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प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर सुधारने में जुटी मनोहर सरकार
के मासिक परीक्षा परिणामों ने होश उड़ा दिए हैं। जनवरी महीने से शुरू की
गई छात्रों की मासिक परीक्षा के परिणाम चौंकाने वाले हैं। पहली से आठवीं
कक्षा तक के बच्चे गणित और विज्ञान विषय में सबसे अधिक कमजोर हैं। अंग्रेजी
व हिंदी में भी बच्चों की शिक्षा का स्तर सामान्य ही है। स्कूल
शिक्षा
विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टीसी गुप्ता जनवरी व फरवरी महीने के मासिक
रिजल्ट का अध्ययन करने के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं। मार्च महीने के
बाद पूरे प्रदेश के बच्चों की तुलनात्मक अध्ययन रिपोर्ट स्कूल शिक्षा विभाग
जारी करेगा। इसमें हर कक्षा के बच्चे का हर विषय में स्तर दर्शाया जाएगा।
ये रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाएगी। इसके बाद बच्चों की शिक्षा के स्तर में
सुधार लाने के लिए नए सिरे से योजनाएं लागू होंगी। विज्ञान विषय का मासिक
परीक्षा परिणाम अधिक खराब आने का कारण विभाग शिक्षकों की कमी को भी मानता
है, लेकिन बाकी विषयों के अध्यापकों की इतनी कमी नहीं है, जितना परिणाम
चौंकाने वाले हैं। स्कूल शिक्षा विभाग इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि वार्षिक
परीक्षाएं न होने के कारण शिक्षक बच्चों को गंभीरता से पढ़ाने में रूचि
नहीं ले रहे हैं। पास-फेल का झंझट खत्म होने पर बच्चों की भी
शिक्षा के प्रति रूचि कम हुई है। इससे माहौल बिगड़ता जा रहा है।
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साभार: जागरण समाचार
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