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अध्यापक पात्रता परीक्षा (स्टेट) में धांधली में शामिल होने के आरोप के
आधार पर बर्खास्त करने के लिए शिक्षा विभाग द्वारा जारी नोटिस पर पंजाब एवं
हरियाणा हाईकोर्ट ने शिक्षक को राहत दे दी है। बर्खास्तगी के आदेश पर रोक
लगाते हुए हाईकोर्ट ने सरकार को 19 मार्च के लिए नोटिस जारी कर जवाब तलब
किया है। सोनीपत निवासी अजय
कुमार ने याचिका दायर कर शिक्षा विभाग के आदेश
पर रोक लगाने की मांग की थी। राज्य फोरेंसिक लैब मधुबन की रिपोर्ट में
अंगूठे के निशान की जांच में फेल होने के आधार पर विभाग ने 5 मार्च को अजय
कुमार को नौकरी से बर्खास्त करने का नोटिस जारी किया था। याचिकाकर्ता के
वकील जगवीर मलिक ने बहस के दौरान बेंच को बताया कि केवल राज्य फोरेंसिक लैब
मधुबन की रिपोर्ट के आधार पर याचिकाकर्ता को नौकरी से नहीं निकाला जा
सकता, क्योंकि सरकारी कर्मचारी को केवल एक नोटिस देकर बर्खास्त नहीं किया
जा सकता। इसके लिए पहले पूर्ण जांच की रिपोर्ट आने के बाद ही कार्रवाई की
जा सकती है। इसके बाद जस्टिस दया चौधरी ने शिक्षा विभाग की नोटिस पर रोक
लगाते हुए सरकार से जवाब तलब किया। ज्ञात रहे कि हरियाणा अध्यापक पात्रता
परीक्षा 2009 (स्टेट) परीक्षा में धांधली व उसके आधार 2011 में नियुक्ति
प्राप्त करने वाले लगभग में 8531 जेबीटी टीचर की जांच की मांग की एक याचिका
सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने इन सभी टीचर की जांच के आदेश दिए हुए है।
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साभार: जागरण समाचार
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