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हरियाणा
राज्य सूचना आयोग ने कड़ा रुख अपनाते हुए शिक्षा विभाग की राज्य जन सूचना
अधिकारी पर पांच हजार रुपये जुर्माना लगाया है। यही नहीं उक्त राशि को
सरकारी खाते के हैड 0070 प्रशासनिक सर्विस 60 डीडीओ कोड 0049 में जमा
करवाकर 16 मार्च तक राज्य सूचना आयोग हरियाणा को रिपोर्ट भेजने के निर्देश
दिए हैं। अर्बन एस्टेट निवासी जगबीर सिंह ने चार फरवरी 2014
को सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत निदेशक स्कूल शिक्षा निदेशालय से
सूचना मांगी थी। सूचना नहीं मिलने पर प्रथम अपील भेजी, लेकिन सूचना नहीं
मिली। इसके बाद जगबीर सिंह ने द्वितीय अपील राज्य सूचना आयोग के पास भेज
दी, जिस पर एक दिसंबर 2014 को केस नंबर 5185/2014 की सुनवाई करते हुए आयोग
ने सूचना अधिकारी को आदेश दिया था कि 21 दिनों के अंदर मांगी गई पूर्ण
सूचना दें। साथ में एक्ट की धारा 20 (1) के तहत समय पर पूर्ण सूचना नहीं
देने के लिए शिक्षा विभाग हरियाणा में निदेशक के कार्यालय में लेरर ब्रांच
में सुप्रीटेंडेंट के पद पर कार्यरत राज्य जन सूचना अधिकारी को कारण बताओ
नोटिस भी दिया था, जिसकी अंतिम सुनवाई 10 फरवरी को हुई थी। सूचना देने में
देरी के लिए नवीन अग्रवाल ने आयोग को बताया कि पीजीटी की ज्वाइनिंग के कारण
सारा स्टाफ उसी में व्यस्त था और स्टाफ की कमी भी है। साथ में उसे कोर्ट
केस भी देखने पड़ते हैं।
सभी
तथ्यों को मद्देनजर रखते हुए आयोग ने माना कि सूचना देने में देरी के लिए
बताए गए सभी कारण न्याय संगत नहीं थे और 10 फरवरी को आयोग ने कारण बताओ
नोटिस पर फैसला करते हुए शिक्षा विभाग की राज्य जन सूचना अधिकारी नवीन
अग्रवाल पर पांच हजार जुर्माना लगाया है। शिक्षा विभाग के प्रथम अपील
अधिकारी, संयुक्त निदेशक को निर्देश दिए हैं कि नवीन अग्रवाल के मार्च के
वेतन से पांच हजार जुर्माने के रूप में काटे जाएं। राशि को सरकारी खाते के
हैड 0070 प्रशासनिक सर्विस 60 डीडीओ कोड 0049 में जमा करवाकर 16 मार्च तक
राज्य सूचना आयोग को रिपोर्ट भेजी जाए।
साभार: हरिभूमि समाचार
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