Friday, November 4, 2016

जीएसटी की दरें हुई तय; आधी वस्तुएं टैक्स फ्री, लेकिन बाकी पर 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत टैक्स

आखिरकार 15 दिन के बाद जीएसटी (गुड्स एंड सर्विस टैक्स) की दर तय हो गई। यह चार कैटेगरी में होगा- 5%, 12%, 18% और 28%। जीएसटी काउंसिल ने गुरुवार की बैठक में यह फैसला किया। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी रेट की जानकारी देते हुए बताया कि, 'महंगाई बढ़े, इसलिए अनाज समेत कई जरूरी चीजें
जीरो रेट के दायरे में रहेंगी। यानी उन पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। खुदरा महंगाई के बास्केट में करीब आधी चीजें यही हैं।' उल्लेखनीय है कि अभी सिर्फ टैक्स की दर तय हुई है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। अब सचिवों की समिति यह तय करेगी कि किन वस्तुओं और सर्विसेज को किस टैक्स बैंड में रखा जाए। हालांकि, राजस्व सचिव हंसमुख अधिया ने ये बता दिया कि सर्विस टैक्स 15 फीसदी से बढ़कर 18 फीसदी हो जाएगा। यानी तकरीबन हर सेवा महंगी होगी। जीएसटी काउंसिल की पिछली बैठक में केंद्र सरकार ने 6 फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी और 26 फीसदी टैक्स का प्रस्ताव रखा था। हालांकि, मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम ने कहा कि नए टैक्स ढांचे से महंगाई कम होगी। 
जीरो टैक्स से कितना फायदा होगा? 
यह इस पर निर्भर करेगा कि इसमें कौन सी चीजें शामिल हैं। यह अनाज तक ही सीमित रहा तो खास लाभ नहीं।

शिक्षा-स्वास्थ्यसेवाओं पर कितना टैक्स? 
यह तो सचिवों की समिति तय करेगी। पर विशेषज्ञ कह रहे हैं कि शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं पर 5% टैक्स लग सकता है। 

टैक्स स्लैब से राहत कहां और बोझ कहां? 
ज्यादातर वस्तुओं और सेवाओं पर 12% 18% टैक्स लगेगा। वस्तुओं के मामले में राहत मिल सकती है, पर सर्विस टैक्स बढ़ने से सेवाएं महंगी हो जाएंगी। 

28% अधिकतम टैक्स का असर क्या?
अभीएक्साइज ड्यूटी मैन्युफैक्चरिंग के अलग-अलग चरणों में लगती है। जीएसटी आखिरी स्टेज में लगेगा। यानी इसकी गणना ज्यादा मूल्य पर होगी। इससे कीमत बढ़ भी सकती है।
क्या सेस जीएसटी के बाद भी जारी रहेगा? 
वित्तमंत्री ने कहा कि 'अधिकतम टैक्स के दायरे में लग्जरी कार, तंबाकू, कोल्ड ड्रिंक्स जैसे डि-मेरिट गुड्स होंगे। इन पर सेस भी लगेगा। इस सेस और स्वच्छ ऊर्जा सेस से एक फंड बनाया जाएगा। जीएसटी से जिन राज्यों की कमाई घटेगी उन्हें इसी फंड से भरपाई की जाएगी। 5 साल बाद यह सेस खत्म हो जाएगा।' 

तो फिर यह सेस कितना लगेगा? 
यह वस्तु पर मौजूदा टैक्स रेट और 28% का अंतर होगा। मसलन, अभी तंबाकू पर 65% और कोल्ड ड्रिंक्स पर 40% टैक्स लगता है। तो तंबाकू पर सेस 37% और कोल्ड ड्रिंक्स पर 12% होगा। 
जीएसटी से राज्यों को कितना नुकसान? 
जेटलीने कहा, 'पहले साल राज्यों का नुकसान पूरा करने के लिए 50,000 करोड़ रु. की जरूरत पड़ सकती है।' 
जीएसटी एक जैसे टैक्स के लिए बना था, तो फिर टैक्स के चार स्लैब क्यों बनाए गए? 
विशेषज्ञ मान रहे हैं कि टैक्स के 4 स्लैब होने से जीएसटी का मकसद अधूरा रह जाएगा। दुनिया में जहां भी जीएसटी है वहां दो स्लैब ही हैं। इससे टैक्स अफसरों को भी अधिक दिक्कत होने वाली है। 

अब आगे कितना काम बचा है? 
11लाख सर्विस टैक्स असेसी पर फैसला करना है कि ये किसके अधिकार क्षेत्र में आएंगे। कानून के मसाैदे को अंतिम रूप देना है। ताकि 16 नवंबर से शुरू हो रहे संसद सत्र में रखा जा सके। 
28% टैक्स: कार, टीवी, फ्रिज, वाॅशिंग मशीन आदि पर 28% रेट लागू होगा। अभी इन पर 30 से 31% (एक्साइज-वैट मिलाकर) तक टैक्स लगता है। कार पर तो 37% तक टैक्स लगता है। 
18% टैक्स: सर्विस टैक्स 15% से 18% किया जाएगा। साबुन, तेल, शेविंग स्टिक, टूथपेस्ट, घड़ियां, बर्तन, फर्नीचर, मार्बल जैसे सामान भी इसमें सकते हैं। अभी इनमें कुछ पर 30-31% टैक्स है। 
12% टैक्स: वित्तमंत्री के मुताबिक 12 फीसदी स्टैंडर्ड रेट होगा। वायरिंग, नेटवर्किंग के सामान, कंप्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल हैंडसेट जैसे सामान को इस दायरे में रखा जा सकता है। 
5% टैक्स: आमलोगों के सामान्य स्तेमाल की चीजों पर 5% टैक्स लगेगा। इसमें प्रोसेस्ड फूड शामिल किया जा सकता है। हालांकि सोने पर 4% टैक्स का प्रस्ताव है। पर इस पर फैसला होना बाकी है। 

लग्जरी गाड़ियां, पान मसाला, कोल्ड ड्रिंक्स जैसी चीजों पर 28% टैक्स के बाद सेस भी लगेगा। इस पर 40-65% टैक्स लगेगा। 
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार 
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