Thursday, March 12, 2015

एक और साइबर हमला, तैयार हुआ SCERT वेबसाइट का क्लोन

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आतंकी संगठन आईएस (इस्लामिक स्टेट) के साइबर अटैक के बाद हरियाणा सरकार की प्रमुख शिक्षा अनुसंधान इकाई राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् (एससीईआरटी) की वेबसाइट पर दूसरा साइबर अटैक हुआ है। एससीईआरटी की आधिकारिक वेबसाइट (www.scertharyana.in) के समानांतर एक और वेबसाइट (www.ncr.co.in/scert) चलाई जा रही है।
रविवार आठ मार्च को आईएस ने एससीईआरटी की वेबसाइट पर साइबर अटैक के बाद अब किसी ने क्लोन वेबसाइट तैयार की है। क्लोन वेबसाइट पर दी गई जानकारी मूल वेबसाइट की कॉपी है। बाकायदा इसे सर्च इंजन गूगल से लिंकअप किया गया है। इससे गूगल पर एससीईआरटी गुड़गांव सर्च करने पर दूसरे विकल्प के तौर पर क्लोन वेबसाइट को अटैच किया है। क्लोन वेबसाइट में होम पेज का टेमप्लेट और दी गई तमाम जानकारी एससीईआरटी की मूल वेबसाइट से ली गई है। क्लोनिंग के जरिए तैयार की गई वेबसाइट को आधिकारिक वेबसाइट के तौर पर प्रदर्शित किया जा रहा है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट: एक निजी कंपनी में कार्यरत साइबर एक्सपर्ट सचिन गुप्ता की राय में हैकर ने मूल वेबसाइट हैक कर उसके डाटा चुराकर नई वेबसाइट दूसरे नाम से तैयार की है। भारत में साइबर कंटेंट पर क्रॉस चेक नहीं होने से मामूली खर्च में यह शुरू किया जा सकता है। गूगल लिंक के जरिए इसे सर्च इंजन पर भी डाला जा सकता है। क्लोन वेबसाइट पर होम पेज पर दी गई बटन को आधिकारिक वेबसाइट और कुछ अन्य आधिकारिक वेबसाइट से लिंक किया गया है। जिस पर क्लिक करने के बाद विभाग से संबंधित जानकारी सामने आती है।
गतिविधियों की फोटो नहीं: क्लोन वेबसाइट के टेमप्लेट के बीच में विभाग द्वारा की जाने वाली गतिविधियों की फोटो नहीं है। इस पर दी गई न्यूज एंड इवेंट के स्क्रॉल में भी मार्च महीने से पहले तक की जानकारी है। फेसबुक बटन पर कोई लिंक नहीं है। बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत पेंटिंग की जानकारी नहीं है। एससीईआरटी की डायरेक्टर स्नेहलता का कहना है कि इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। ऐसा है तो वह इसकी जांच कराएंगी।
क्या क्या हो सकते हैं नुक्सान:
  • यूजर की जानकारी चोरी हो सकती है। 
  • क्लोन वेबसाइट के जरिए प्रयोक्ता के कंप्यूटर से डाटा भी चोरी होने की संभावना होती है। 
  • वेबसाइट पर हिट इकट्ठा कर बाद में कॉमर्शियल प्रयोग में लाना। 
  • किसी और लिंक से जोड़कर आर्थिक नुकसान भी पहुंचाया जा सकता है। 
हड़बड़ी में साइट बंद कर देने से हैकर तक पहुंचना मुश्किल: आतंकी संगठन आईएस (इस्लामिक स्टेट) द्वारा एससीईआरटी की वेबसाइट हैक के बाद विभागीय हड़बड़ी ने इस मामले की जांच करने वाले विशेषज्ञों के लिए मुसीबत बढ़ा दी है। वेबसाइट बंद कर दोबारा डाटा बैकअप री-स्टोर करने की वजह से हैकर तक पहुंचने के रास्ते में बाधा पहुंचने लगी है। आठ मार्च को आईएस ने वेबसाइट हैक कर अपना लोगो के साथ संदेश छोड़ दिया था। हरियाणा सरकार के प्रमुख शिक्षा अनुसंधान इकाई के बाद हैकिंग जैसे मामलों से निपटने के लिए विशेषज्ञ नहीं होने की वजह से वेबसाइट को बंद कर दिया गया। प्रोग्रामर द्वारा डाटा तो री-स्टोर कर दिया गया, लेकिन हैंकिंग के लिए अपनाए गए तरीके खत्म हो गए। इको एड साइबर सिक्यूरिटी कंपनी में कार्यरत एक साइबर एवं डाटा सिक्यूरिटी एक्सपर्ट बताते है कि वेबसाइट हैकिंग के बाद पुराना डाटा लाना संभव नहीं है। बहुत मुश्किल से यह हैकर तक पहुंचा जा सकता है। साइबर एक्सपर्ट सचिन गुप्ता कहते है मूल वेबसाइट का डाटा चुराकर हूबहु डाटा के साथ दूसरे डोमेन और आईएसपी के जरिए शुरू करना क्लोन कहलाता है। क्लोनिंग से मूल वेबसाइट को नुकसान होता है। 
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: अमर उजाला समाचार
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