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20 साल बाद एक बार फिर एक रुपए का नया नोट आपकी जेब में नजर आएगा।
सरकार एक रुपए के इस गुलाबी नोट को अप्रैल से भारतीय बाजारों के लिए जारी
करने जा रही है। केंद्र सरकार ने पिछले साल दिसंबर में ही एक रुपए के नोट
की दोबारा छपाई शुरू करने का एलान किया था। 1 जनवरी 2015 से इसकी छपाई शुरू
हो चुकी है। वित्त मंत्रालय द्वारा कॉयनेज एक्ट 2011 में बदलाव के बाद फिर
से एक रुपए के नोट की छपाई शुरू हुई है।
- पहले से बड़ा है आकार: एक रुपए के नोट का आकार पहले के मुकाबले थोड़ा बड़ा है। इसका आकार 9.7 गुणा 6.3 सेंटीमीटर (100 प्रतिशत काटन रेग कंटेंट) का है। इसके कागज का भार 90 जीएसएम (ग्राम प्रति वर्ग) है। इसके शीर्ष पर भारत सरकार लिखा नजर आएगा। नोट पर मल्टीटोनल वाटर मार्क में बिना सत्यमेव जयते शब्दों के अशोक की लाट अंकित है। मध्य भाग में सामान्य तौर पर न दिखने वाली संख्या '1' प्रकाशित होगी। नोट के दाईं तरफ 'भारत' शब्द अंकित होगा।
- गुलाबी और हरे रंग का होगा मिश्रण: इस बार छापे गए एक रुपए के करेंसी नोट का अगला हिस्सा गुलाबी और हरे रंग के मिश्रण का है। हिंदी व अंग्रेजी भाषा में वित्त सचिव के हस्ताक्षरों के साथ 'भारत सरकार' शब्द और रुपए के प्रतीक चिन्ह के साथ नए एक रुपए के सिक्के की छवि भी नजर आती है। नोट के निचले हिस्से में दाईं ओर नोट का नंबर है।
- श्रीनाथजी को भेंट की गई पहली गड्डी: वित्त सचिव राजीव महर्षि ने होली पर श्रीनाथजी की शरण में एक रुपए के नोट की गड्डी भेंट की है। ये नोट महर्षि के हस्ताक्षर से छपे हैं। नोट के दूसरे हिस्से में पेन से भी लिखा है श्रीनाथजी को सप्रेम भेंट।
- कहां छपा है एक रुपए का नोट: पहले की तरह इस बार भी एक रुपए के नोट की छपाई रिजर्व बैंक के मिंट के बजाए भारत सरकार के मुद्रण कारखाने में की गई है। नया नोट मौजूदा वित्त सचिव राजीव महर्षि के हस्ताक्षर से जारी किया गया है।
- सिक्के आने से बंद हुई थी एक रुपए की छपाई: एक, दो व पांच रुपए के सिक्कों के चलन में आने के बाद सरकार ने 1994 में एक रुपए के नोट की छपाई बंद कर दी थी। वहीं, दो रुपए के नोट की छपाई फरवरी 1995 में और पांच रुपए के नोट की छपाई नवंबर 1995 में बंद की गई थी। हालांकि, पांच रुपए के नोट को सरकार ने बाद में दोबारा छापना शुरू कर दिया था। अब सरकार ने एक रुपए के नोट की छपाई भी शुरू की है।
- छपाई में लगती है अधिक मूल्य राशि: जानकारों के अनुसार कम मूल्य की राशि के नोट को छापने में सरकार को अधिक खर्च करना पड़ता है इसलिए छोटी राशि के नोटों का छपना बंद किया गया था। लेकिन, करेंसी नोट होने के कारण इसकी छपाई दोबारा शुरू की गई है। 1 रुपए का नोट छापने में भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड को 35 पैसे प्रति नोट और सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड को 40 पैसे प्रति नोट खर्च करना पड़ता है।
क्यों शुरू की गई छपाई:
- जाली करेंसी का खतरा कम: अधिकारी के अनुसार एक रुपए की छपाई शुरू करने के पीछे मुख्य कारण है कि इसके जाली नोट जल्दी से नहीं बनाए जाते। दरअसल, एक रुपए की वैल्यू भी आज की कीमतों को देखते हुए काफी कम है। जिस कारण उसका जाली नोट बनाना कहीं से भी जाली करेंसी बनाने के गोरखधंधे में लगे लोगो के लिए फायदेमंद नहीं होगा। इसलिए बाजार में एक रुपए के नकली नोट होने का खतरा कम है।
- शादी, त्योहारों में मांग के चलते बना दबाव: बैंकर जी.एस.बिंद्रा के अनुसार शादी, त्योहारों में एक रुपए के नोट की काफी मांग रहती है। जिसके लिए लोग बैंक से भी इसकी मांग करते हैं। बैंकों ने लगातार आ रही मांग का हवाला भी आरबीआई को दिया है। हालांकि, नोट के जल्दी खराब होने के चलते इसे बंद किया गया था। लेकिन, जिस तरह से बंद होने के 20 साल बाद भी 1 रुपए के नोट की मांग बराबर बनी हुई है, उसे देखते हुए लगता है सरकार ने यह फैसला लिया है।
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साभार: भास्कर समाचार
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