सरकारी स्कूलों की प्राइमरी विंग (पहली से पांचवीं) के विद्यार्थियों को अब पांचों साल नए शिक्षक पढ़ाएंगे। ऐसे में बच्चों की पढ़ने में दिलचस्पी बढ़ेगी, साथ ही उन्हें नए अध्यापक का साथ मिलेगा। शिक्षा विभाग जल्द ही यह प्रयोग करने जा रहा है। मसलन नए सत्र में यह प्रयोग शुरू किया जा सकता है। इस बारे में शिक्षा निदेशालय
में हाल ही में हुई बैठक में सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को जानकारी दी गई है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। बता दें कि अब तक प्राइमरी विंग यानी पहली से पांचवीं तक की कक्षाओं में एक अध्यापक हर साल पढ़ाता था। यानी पांच साल तक बच्चों को एक ही शिक्षक पढ़ाता था, ऐसे में पांच साल तक बच्चे भी एक ही शिक्षक के पढ़ाने पर कई बार बोरियत महसूस करते थे और शिक्षक या बच्चों की तरफ से भी पढ़ाने व पढ़ने को लेकर लापरवाही बरती जाती थी, ऐसे में अब विभाग ने फैसला किया है कि जल्द ही प्राइमरी विंग में हर साल हर कक्षा में शिक्षक बदले जाएंगे ताकि विद्यार्थी रुचि से पढ़ सकें और शिक्षक भी बच्चों को बेहतर ढंग से पढ़ाएं।
अब नहीं सुने जाएंगे बहाने: निदेशालय में हुई बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि बच्चों को हर स्तर पर सिखाया जाए। बच्चों को यह नहीं आता, इस प्रकार के बहाने से अब काम नहीं चलेगा। बच्चों को एलईपी, खेल-खेल में शिक्षा या फिर एससीईआरटी की वेबसाइट से वीडियो डाउनलोड कर सिखाया जाए।
यह रहता है सिस्टम: अब तक स्कूलों में यदि कोई शिक्षक पहली कक्षा को पढ़ा रहा है, तो वह अगले पांच साल तक उन्हीं बच्चों को पांचवीं कक्षा तक पढ़ाएगा और पांचवीं में पढ़ने वाले बच्चे जब छठी कक्षा में जाएंगे तो संबंधित शिक्षक को फिर पहली कक्षा पढ़ाने को दी जाती है, ऐसे में यह क्रम पांच साल तक चलता रहता है।
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साभार: जागरण समाचार
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