इलाहबाद हाई कोर्ट की सहायक रिव्यू ऑफीसर परीक्षा देने आए सॉल्वर गिरोह को पकड़ने के बाद एसटीएफ ने मामले में जांच का दायरा और बढ़ा दिया है। एसटीएफ की निगाहें अब पूर्व की उन परीक्षाओं पर टिकी हैं, जिसमें गिरोह के सदस्यों ने धांधली कराई थी। ऐसे अभ्यर्थियों को चिन्हित कर उनके रिजल्ट रुकवाने की योजना चल
रही है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। एसटीएफ के एएसपी डॉ.अरविंद चतुर्वेदी के मुताबिक पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ में सामने आया है कि जींद, हरियाणा के सॉल्वर गिरोह ने इससे पूर्व बीडीओ परीक्षा में भी सक्रिय भूमिका निभाई थी। 23 व 24 दिसंबर को राजधानी में हुई एक ऑनलाइन परीक्षा में सॉल्वर शामिल हुए थे। जबकि, एसएससी व रेलवे परीक्षाओं में भी उनकी भूमिका रही।
सरगना दीपक के बारे में मिले अहम सुराग: एसटीएफ की निगाहें अब गिरोह के सरगना जींद, हरियाणा निवासी दीपक कुमार पर टिकी हैं। पुलिस के हाथ उसके दो नंबर व कुछ अन्य सूचनाएं लगी हैं। इनके आधार पर दीपक पर शिकंजा कसने की तैयारी है। हरियाणा में दीपक एक कॉल सेंटर की तरह कार्यालय संचालित करता है। इसमें परीक्षा के दौरान 12 युवक कंप्यूटर पर ऑनलाइन होते हैं, जो प्रश्नपत्र हल करते हैं। टाइपिंग का एक विशेषज्ञ उन्हें वॉट्सएप के जरिए आगे बढ़ाने का काम करता है। एएसपी के मुताबिक दीपक के तार परीक्षा कराने वाले कंपनियों के अधिकारियों से जुड़े होने की आशंका को नकारा नहीं जा सकता।
सिपाही ने भी भरा था बीडीओ परीक्षा का फार्म: पकड़े गए आरोपी सीआरपीएफ के सिपाही गौरव कुमार ने भी बीडीओ परीक्षा का फार्म भरा था। एसटीएफ अधिकारियों ने बताया कि गौरव के स्थान पर एक सॉल्वर ने परीक्षा दी थी, लेकिन वह सफल नहीं हो सका था। इन दिनों छुट्टी पर चल रहे गौरव ने अन्य क्या-क्या खेल किए, इसकी जांच की जा रही है।
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साभार: जागरण समाचार
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