हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की लिपिक भर्ती परीक्षा का पेपर लीक करने की साजिश एकेडमी संचालक व रिटायर्ड फौजी जितेंद्र और उसमें पढ़ाने वाले जेबीटी टीचर अनिल पंघाल ने मिलकर रची थी। अनिल ने जितेंद्र को अपना गुरु बनाया हुआ था और दोनों ने इस साजिश में उचाना निवासी जेबीटी टीचर वीरेंद्र को भी शामिल
किया। इसके बाद तीनों ने मिलकर पेपर ली को अंजाम दिया। उन्होंने जेबीटी अध्यापकों से सेटिंग कर परीक्षार्थियों को उनके पास भेजने के लिए कहा था। यह जानकारी एकेडमी संचालक जितेंद्र ने एसआइटी को पूछताछ में दी। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। एसआइटी पेपर लीक प्रकरण में अब तक पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। पुलिस ने बुधवार देर रात को रोहतक के गांव भैणी चंद्रपाल निवासी यूनिवर्सल एकेडमी संचालक जितेंद्र और भिवानी के पतराम गेट निवासी जेबीटी टीचर पुनीत सागर को भी गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले जींद के गांव घोघड़िया निवासी नरेंद्र के अलावा वीरेंद्र और अनिल पंघाल को गिरफ्तार किया जा चुका है। बृहस्पतिवार को पांचों अभियुक्तों को अदालत में पेश किया। अदालत ने पुनीत व निवासी नरेंद्र को जेल भेज दिया। वहीं मुख्य आरोपी अनिल पंघाल व वीरेंद्र का दो दिन का रिमांड बढ़ा दिया है, जबकि एकेडमी संचालक जितेंद्र को चार दिन के रिमांड पर भेज दिया हैं।
पुलिस इस मामले में अब तक पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। एकेडमी संचालक जितेंद्र सहित तीन अभी रिमांड पर हैं। इस मामले के सूत्रधार अजय जांगड़ के गिरफ्तार होने पर ही सारी कहानी सामने आएगी। अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के भी प्रयास किए जा रहे हैं। - संजय कुमार, एसएचओ सिविल लाइन थाना भिवानी।
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साभार: जागरण समाचार
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