मनोहर सरकार की प्रदेश को कैशलेस बनाने की मुहिम को झटका लग सकता है। राज्य के व्यापारी इसे खुदरा व्यापार के लिए घातक बता रहे हैं। व्यापारियों का कहना है कि बड़े लेनदेन और सरकारी विभागों में ही कैशलेस व्यवस्था हितकर साबित हो सकती है, लेकिन आम लेनदेन में पैसे से ही काम चलेगा। वित्त मंत्री कैप्टन
अभिमन्यु ने दो दिन पहले प्रशासनिक सचिवों की बैठक लेकर हरियाणा को कैशलेज राज्य बनाने की दिशा में कार्य योजना तैयार करने निर्देश दिए हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। पहले चरण में सभी सरकारी विभागों को कैशलेस किया जाएगा। फिर राज्य के बाकी कारोबार को कैशलेस करने की योजना है। अखिल भारतीय व्यापार मंडल के महासचिव बजरंग दास गर्ग ने कहा कि कैशलेस लेनदेन की व्यापारियों, किसानों और आम जनता को पूरी तरह से जानकारी नहीं है। न ही समस्त जनता ने बैंक में खाते खुलवाए हुए हैं। प्रदेश का खुदरा व्यापारी व आम जनता भी इतनी शिक्षित नहीं है कि वह कैशलेस लेनदेन कर सके। बजरंग दास ने कहा कि काफी गांवों में बैंक सुविधा नहीं हैं। वहां इंटरनेट भी नहीं चलता। पढ़े लिखे लोग भी आम जरूरत की वस्तुएं पैसे देकर खरीदते हैं। ऐसे में अशिक्षित लोगों से कैशलेस लेनदेन की उम्मीद कैसे की जा सकती है। गर्ग ने कहा कि प्रदेश सरकार को कैशलेस योजना के लिए व्यापारियों व आम लोगों को विश्वास में लेना चाहिए। वहीं इसे लागू करने से पहले लोगों व दुकानदारों खासकर देहात में ट्रेनिंग देने की जरूरत है।
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साभार: जागरण समाचार
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