जस्टिस एसएन ढींगरा की रॉबर्ट वाड्रा-डीएलएफ समेत अन्य कंपनियों से जुड़े जमीन के सौदों पर रिपोर्ट ने हरियाणा ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय राजनीति में भी खलबली मचा दी है। 182 पेजों व दो हिस्सों वाली इस रिपोर्ट के अंश हालांकि सार्वजनिक नहीं किए गए, लेकिन जिस तरह के संकेत सामने आ रहे उससे एक बार फिर भाजपा
और कांग्रेस में सियासी जंग का माहौल बन रहा है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। भाजपा ने लोकसभा चुनाव के दौरान रॉबर्ट वाड्रा पर हमले कर सोनिया गांधी और कांग्रेस पार्टी को न केवल बैकफुट पर ला खड़ा किया था बल्कि कांग्रेस से सत्ता भी छीन ली थी। भाजपा ने यही हथियार हरियाणा समेत अन्य कुछ राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान भी कारगर ढंग से चलाया था। वहीं जस्टिस ढींगरा के रिपोर्ट देने के साथ ही प्रदेश की राजनीति भी गरमा गई है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भाजपा सरकार पर षड्यंत्र और साजिश रचने का आरोप लगाया है। चूंकि यह पूरा मामला काफी बड़ा है, इसलिए संभावना जाहिर की जा रही है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल इस रिपोर्ट पर कोई भी फैसला लेने से पहले दिल्ली के सिग्नल का इंतजार करेंगे। सूत्रों का दावा है कि मुख्यमंत्री जल्द ही रिपोर्ट पीएमओ तक पहुंचाने की तैयारी कर रहे हैं। सरकार इस रिपोर्ट के सभी तकनीकी पहलुओं का भी अध्ययन करवाएगी ताकि ऐसी कोई स्थिति न बने जिसमें फजीहत का सामना करना पड़े। भाजपा सरकार को इस बात का पूर अंदाजा है कि रिपोर्ट के सिलसिले में कोई भी गलत कदम कुल्हाड़ी पर पैर रखने के समान साबित होगा। कुल मिलाकर सरकार की तिजोरी में रखी यह रिपोर्ट सार्वजनिक होने से पहले तक इसी तरह प्रदेश और देश की राजनीति में उत्सुकता और बेचैनी बनाए रखेगी और रिपोर्ट सामने आने पर एक बड़ा उबाल आना तय है।
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साभार: जागरण समाचार
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