Tuesday, August 9, 2016

रियो: जिमनास्टिक्स में पदक की उम्मीद; दीपा करमाकर पहुंची फाइनल में

एक और कीर्तिमान और वो भी जन्मदिन से दो दिन पहले। दीपा करमाकर ने अपने 23वें जन्मदिन से पहले सात समंदर पार रियो डि जेनेरियो में ऐसी चमक बिखेरी, जिसकी रोशनी से भारत भी जगमग हो उठा। खुद को तो अनमोल तोहफा दिया ही साथ ही सवा अरब भारतीयों में भी उम्मीद का नया दीया जला दिया। जिम्नास्ट
दीपा ने ओलंपिक की व्यक्तिगत वॉल्ट स्पर्धा के फाइनल में जगह बनाकर न सिर्फ इतिहास रचा, बल्कि वह ऐसी उपलब्धि हासिल करने वाली पहली भारतीय महिला जिम्नास्ट भी बन गईं। 14 अगस्त को होने वाले फाइनल में दीपा से अब पदक की उम्मीद बढ़ गई है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। खास बात यह है दीपा ने अप्रैल में यहीं पर ओलंपिक का टिकट कटाया था। दीपा नौ अगस्त को अपना 23वां जन्मदिन मनाएंगी। वह 52 साल बाद ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय जिम्नास्ट है।
आठवें स्थान पर रहीं: दीपा ने व्यक्तिगत वॉल्ट में आठवें स्थान पर रहते हुए फाइनल के लिए क्वालीफाई किया। ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली पहली महिला जिम्नास्ट त्रिपुरा की दीपा ने ‘प्रोडुनोवा’ वॉल्ट में अच्छा प्रदर्शन किया और दो प्रयासों के बाद 14.850 अंक हासिल किए। इसके बाद भारतीय खिलाड़ी को इंतजार करना पड़ा। वह पांच सब डिवीजन में से तीसरे में छठे स्थान पर रही थीं। वह आखिर में ओवरऑल आठवें स्थान पर खिसक गईं। कनाडा की शैलोन ओलसन ने बेहतरीन प्रदर्शन करने हुए 14.950 अंक बनाकर ओवरऑल तालिका में अंतर पैदा कर दिया। पर यह त्रिपुरा की दीपा के लिए फाइनल में जगह बनाने के लिए पर्याप्त था।
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साभारजागरण समाचार 
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