सरकारी स्कूलों में छात्र संख्या घटने के साथ ही शिक्षकों के पद भी सरप्लस होते जा रहे हैं। पिछले साल सितंबर में हुए रेशनेलाइजेशन के हिसाब से करीब नौ हजार जेबीटी के पद सरप्लस हो चुके हैं। इस साल नया शिक्षा सत्र शुरू होने के बाद छात्र संख्या पहले से भी कम हो गई है। हालांकि नई छात्र संख्या के आधार पर अभी रेशनेलाइजेशन नहीं हुआ है, लेकिन ऐसा होने पर पांच हजार जेबीटी के पद और सरप्लस हो सकते हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। प्रदेश में जेबीटी शिक्षकों की तबादला प्रक्रिया चल रही है। प्राइमरी शिक्षकों के सरप्लस होते जा रहे पदों ने जेबीटी के तबादलों का गणित गड़बड़ा दिया है। प्रदेश में 8,893 प्राथमिक स्कूल हैं, जिनमें मुख्य शिक्षक समेत जेबीटी के 44,215 पद स्वीकृत हैं। पिछले साल 30 सितंबर को हुए रेशनेलाइजेशन के हिसाब से 8,739 पद सरप्लस हो चुके हैं। ऐसे में नए पद घटकर 35,576 रह गए हैं। भिवानी, हिसार, जींद, महेंद्रगढ़ और रेवाड़ी जिलों में सरप्लस शिक्षकों के काम करने की खबर है। प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में मुख्य शिक्षकों समेत इस समय 27,560 नियमित जेबीटी काम कर रहे हैं। इनके अलावा 5800 अतिथि अध्यापक सेवाएं दे रहे हैं। नए शिक्षा सत्र में बीते सालों की अपेक्षा करीब 70 हजार छात्र कम आए हैं। ऐसे में छात्र संख्या के हिसाब से यदि दोबारा रेशनेलाइजेशन किया जाए तो 5 हजार प्राथमिक शिक्षकों के पद और सरप्लस हो जाएंगे। शिक्षा विभाग हाल-फिलहाल प्राथमिक शिक्षकों के तबादले करने में जुटा हुआ है। ऐसे में पदों की संख्या कम होने और गेस्ट टीचर्स को तबादला प्रक्रिया से अलग कर दिए जाने के कारण प्राथमिक शिक्षकों का गणित बिगड़ा हुआ है। दूसरी तरफ सरकार ने हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के पास 14,743 रिक्त पदों की सूची भेज दी है। इसके मुताबिक जींद जिले में 802, हिसार 700, झज्जर 729, पानीपत 922, सोनीपत 746 और यमुनानगर जिले में 1150 रिक्तियां दिखाई गई हैं। हालांकि इन जिलों के लगभग 3 हजार शिक्षक दूसरे जिलों में सेवाएं दे रहे हैं।
राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विनोद ठाकरान और महासचिव दीपक गोस्वामी के अनुसार शिक्षा विभाग से जब भी आंकड़े आते हैं तो इन जिलों में पद न बताकर अंतर जिला तबादला नहीं किया जाता और अब विभाग इन जिलों में रिक्तियां दिखाकर नई नियुक्तियां करना चाहता है। ठाकरान और गोस्वामी ने कहा कि अगर इतने पद वास्तव में रिक्त हैं तो बचे हुए शिक्षकों के अंतर जिला तबादले कर उन्हें भी समायोजित किया जाए। उन्होंने शिक्षा विभाग में वास्तव में रिक्त पदों का खुलासा करने और अंतर जिला तबादला नीति में गेस्ट टीचर्स को भी शामिल किए जाने की मांग की है।
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साभार: जागरण समाचार
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