Thursday, August 11, 2016

हर तिमाही 100 होंगे ओवरटाइम के घंटे: विधेयक हुआ पास

निर्माण क्षेत्र में रोजगार सृजन और उद्योगों की सहूलियत के उद्देश्य से कारखाना मजदूरों के ओवरटाइम के घंटे तिमाही दोगुने करके 100 करने संबंधी विधेयक ‘फैक्ट्रीज (अमेंडमेंट) बिल, 2016’ को लोकसभा ने बुधवार को मंजूरी दे दी। हालांकि कांग्रेस, वामदलों, तृणमूल कांग्रेस, जनता दल (यू) और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने
विधेयक का विरोध किया। विपक्ष ने विधेयक को कारपोरेट के हित में, श्रमिक विरोधी और राज्यों के अधिकारों का अतिक्रमण करने वाला करार दिया। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। विधेयक पेश करते हुए श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि कानून में संशोधन से श्रमिकों को ‘ज्यादा काम करके ज्यादा कमाने’ का मौका मिलेगा। उन्होंने बताया कि ओवरटाइम समेत एक दिन में काम के घंटे 10 से ज्यादा और एक हफ्ते में 60 से ज्यादा नहीं होंगे। ये संशोधन किसी भी तरह अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के मानकों का उल्लंघन नहीं करते। अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन ने ओवरटाइम की उच्चतम सीमा 144 घंटे तय की है। श्रम मंत्री ने स्पष्ट किया कि ओवरटाइम के घंटों में वृद्धि बाध्यकारी नहीं है। यह श्रमिक का अपना फैसला होगा। यह सिर्फ दोगुना मेहनताना पाने का एक अवसर है। अन्य परिवर्तनों के साथ विधेयक में ओवरटाइम के घंटे जनहित में तिमाही 125 तक बढ़ाने की अनुमति प्रदान की गई है। साथ ही केंद्र और राज्य सरकारों को ओवरटाइम घंटों से संबंधित नियमों में छूट देने का अधिकार दिया गया है। सदस्यों ने जानना चाहा कि इस विधेयक को लाने की जल्दबाजी क्या थी, जबकि इस संबंध में व्यापक विधेयक सदन के समक्ष लंबित है, इस पर श्रम मंत्री ने कहा कि यह समय की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सरकार ने मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया और डिजिटल इंडिया जैसी पहल की हैं, जिसके लिए बड़ी संख्या में श्रमिकों की जरूरत पड़ेगी। माकपा के शंकर प्रसाद दत्ता ने कहा कि मोदी सरकार गुप्त एजेंडे के तहत श्रम कानूनों पर प्रहार कर रही है। राज्य सरकारों के अधिकारों का अतिक्रमण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह विधेयक देश के कारपोरेट वर्ग और बड़े औद्योगिक घरानों के साथ-साथ अडानी और अंबानी को खुश करने के लिए लाया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि एक भी श्रम संगठन इस विधेयक के पक्ष में नहीं है।
बीजद के रविन्द्र कुमार जेना ने कहा कि ओवरटाइम के घंटों में वृद्धि से महिलाओं में अल्कोहल व तंबाकू का उपभोग बढ़ेगा और उनमें मोटापे व तनाव में भी वृद्धि होगी। यह बाद में बड़ी सामाजिक समस्या में तब्दील हो सकती है। हालांकि, बाद में कांग्रेस और वामदलों के सदन से बहिर्गमन के बाद विधेयक को लोकसभा ने पारित कर दिया। 
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साभारजागरण समाचार 
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