Tuesday, July 19, 2016

सावधान: बोतल बंद मिनरल वाटर खरीद रहे हैं तो ध्यान रखें ये बातें

यदि आपसे कहा जाए कि आप जिस मिनरल वाटर को असली समझकर पी रहे हैं, वो नकली है तो? चौंकिए मत। ऐसा संभव है। देशभर में ऐसे गिरोह सक्रिय हैं जो असली के नाम पर नकली बोतलबंद पानी लोगों को बेच रहे हैं। किसी भी उत्पाद की गुणवत्ता, विश्वसनीयता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के बाद बीआईएस उस उत्पाद को थर्ड पार्टी गारंटी के तौर पर आईएसआई मार्क देता है। पानी के सैंपलों में कोलीफॉर्म बैक्टीरिया, एरोबिक माइक्रो बीएल क्लोरीन की मात्रा की जांच
की जाती है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। पैकिंग मिनरल वाटर में नियम के मुताबिक 150 टीडीएस मान्य होता है। बिना लाइसेंस, मानकों और नियमों की अनदेखी करने वाले पानी के कारोबारियों पर तीन से सात साल तक की सजा का प्रावधान है। रेलवे स्टेशन से लेकर बस स्टैंड तक नकली पानी का धंधा जोरों से फलफूल रहा है। ऐसे में आप खुद थोड़ी-सी सावधानी से असली और नकली पानी में फर्क कर सकते हैं।
  • बोतल बंद पानी लेते समय अच्छे से चेक कर लें कि इसका ढक्कन सील्ड है या नहीं। 
  • किसी प्रतिष्ठित कम्पनी का ही पानी खरीदें क्योंकि सभी कम्पनियां भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) का पालन नहीं करती हैं। 
  • जिन बोतलों पर पैकेजिंग डेट और एक्सपायरी डेट नहीं हैं उन्हें मत खरीदें। 
  • पानी खरीदते समय बोतल पर 'L' का निशान देखें। पर ध्यान रखें कि यह L रनिंग राइटिंग में हो, कैपिटल अंग्रेजी में नहीं। LTR भी नहीं चलेगा। 
  • एक या दो महीने से ज्यादा पुराना पानी न खरीदें। हालांकि एक्सपायरी डेट छह महीने तक की होती है लेकिन छह महीने तक पानी सुरक्षित अभी रहेगा जब सभी नियमों का पालन किया जाए। 
  • फ़ूड सेफ्टी एंड स्टैण्डर्ड एक्ट के अनुसार मिनरल पानी की बोतल पर बैच नंबर, ब्रांड का नाम, BIS का मार्का होना जरूरी है। 
  • बोतल बंद पानी के लिए धूप जहर का काम करती है। मिनरल पानी की बोतल को मुलायम बनाने के लिए पैथलेट्स का प्रयोग होता है। धूप लगने से प्लास्टिक पिघलता है और यह केमिकल पानी में घुलने लगता है और प्रजनन क्षमता घटाता है। इसलिए धूप में रखी बोतल तो बिलकुल भी नहीं खरीदें। 
  • यदि मिनरल वॉटर को तयशुदा मानकों से नहीं बनाया गया है तो इसमें क्लोरोपायरीफॉस जैसे कीटनाशक पाए जा सकते हैं। जो कैंसर जैसी बीमारी को आमंत्रित कर सकता है। 
  • बोतल बंद पानी में एंटीमनी नाम का रसायन प्रयोग होता है। यह बोतल के पुराना होने के साथ साथ अपना असर बढ़ाता है जिससे उलटी, डायरिया जैसी समस्याएं हो सकती हैं। 
कुछ ख़ास तथ्य:
  • भारत में मिनरल वाटर की पहली कंपनी मुंबई से शुरू हुई 'बिसलरी' 1965 से काम कर रही है। जबकि दुनिया की पहली कंपनी पोलैंड के मैनी शहर में 1845 में शुरू हुई थी। आज दुनिया में पानी बेचने वाली 10000 से ज्यादा कम्पनियां हैं। 
  • भारत में बोतल बंद पानी का कारोबार 15000 करोड़ का है जो 2020 तक 35000 करोड़ तक पहुँच जाएगा। भारत में करीबन 2500 ब्रांड हैं जिनमें से 85 फीसदी लोकल हैं। 
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार 
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