Wednesday, July 20, 2016

योग्यता पूरी करने वाले एक्सटेंशन लेक्चरर को इंटरव्यू से 'छूट'

हरियाणा के सरकारी कॉलेजों में लगे योग्य एक्सटेंशन लेक्चरर को वर्तमान शिक्षा सत्र 2016-17 के लिए नए सिरे से साक्षात्कार नहीं देने पड़ेंगे। उच्चतर शिक्षा निदेशालय ने सभी कॉलेज प्राचार्यों को निर्देश दिए कि जो योग्यता की शर्ताें को पूरा करते हैं, उन्होंने दोबारा इंटरव्यु नहीं देने पड़ेंगे। इन चार शर्ताें में नेट क्वालीफाई होना। वर्ष 2009 से पहले पीएचडी हो। वर्ष 2009 से पहले पीएचडी के लिए पंजीकृत हो। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा स्टे दिया गया हो। प्रदेशभर के कॉलेजों में कार्यरत 2500 एक्सटेंशन लेक्चरर में से केवल 25 प्रतिशत ही इन शर्तों को पूरा कर सकते हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। 
पिछले सत्र में रिटायर्ड रखने के आदेश, बाद में बदले: बीते सत्र 2015-16 सरकार द्वारा आदेश जारी किए गए थे कि एक्सटेंशन पदों पर रिटायर्ड प्राध्यापकों की नियुक्तियां की जाएं। लेकिन इससे विभाग में हड़कंप मच गया, क्योंकि राज्य में इतने रिटायर्ड प्राध्यापक ही नहीं हैं। दूसरा एसोसिएशन इस पर विरोध भी जताया। सीटें खाली रह जाएं, इसलिए बाद में फैसला बदलकर पहले की तरह नियुक्त की गई। आदेश दिए कि जिनके सेवाएं संतोषजनक हैं, उन्हें रखो। 
हकीकत- एक्सटेंशन के सहारे सरकारी शिक्षा व्यवस्था: प्रदेश के करीब 108 सरकारी कॉलेजों में शायद ही कोई ऐसा कॉलेज हैं जहां एक्सटेंशन लेक्चरर नहीं है। कहीं आधे तो किसी कॉलेज में आधे से भी ज्यादा लेक्चरर एक्सटेंशन ही जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। इन्हीं के भरोसे सरकारी शिक्षा व्यवस्था चल रही है। रेवाड़ी में 8 कॉलेजों में सौ तो रोहतक में ये संख्या 300 से भी ज्यादा है। ऐसा ही हाल अन्य जिलों का भी है। 
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com

साभार: भास्कर समाचार 
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