Wednesday, July 13, 2016

134A के तहत EWS बच्चों को दाखिला न देने पर हरियाणा सरकार से फिर जवाब तलब

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए हरियाणा शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव, प्राथमिक शिक्षा विभाग के निदेशक को 19 जुलाई के लिए नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया हैं। भिवानी निवासी छात्र तानिया व अन्य ने हाई कोर्ट में दायर याचिका में मांग की है कि केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए
शिक्षा के अधिकार कानून के तहत प्रदेश के स्कूलों में बच्चों को दाखिला नहीं दिया जा रहा। राज्य सरकार ने इस कानून में अपने स्तर पर संशोधन कर दिया है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। इसके तहत स्कूलों में दाखिला प्रवेश परीक्षा के आधार पर दिया जा रहा है जो नियमों के खिलाफ हैं। याची ने कहा कि वह हरियाणा निवासी व ईडब्ल्यूएस वर्ग से है और कक्षा आठवीं, पांचवीं व चौथी में दाखिला लेना चाहते हैं। याचिका में केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए शिक्षा का अधिकार कानून का हवाला देते हुए कहा गया कि केंद्र ने मेधावी लेकिन गरीब बच्चों के लिए गैर अनुदान प्राप्त 25-30 फीसद सीट रखने का प्रावधान किया था। मगर हरियाणा सरकार ने इस कानून में 2007 में संशोधन करते हुए नियम 134ए को लागू कर 25 फीसद सीटें आरक्षित कर दी। इसके बाद 2009 और 19 जून 2013 को नए संशोधन कर आरक्षित सीटों की संख्या 25 प्रतिशत से घटाकर 10 फीसद कर दी। याचिका में आरोप लगाया कि हरियाणा सरकार 134ए को लागू करने में भी असफल रही है। याचिका में वर्ष 2016-17 सत्र के लिए शिक्षा विभाग द्वारा दाखिला प्रकिया का जिक्र करते हुए कहा गया है कि बच्चों के दाखिला आवेदन भरे जाने के बाद विभाग ने निजी स्कूलों के दबाव में दाखिला प्रक्रिया रोक दी। साथ ही बताया कि प्रदेश में कई मंत्रियों व नेताओं के निजी स्कूल चल रहे है जिसके कारण विभाग कोई फैसला नहीं ले रहा है। याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस गुरमीत सिंह संधवालिया ने हरियाणा सरकार को 19 जुलाई को नोटिस जारी किया है।
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साभारजागरण समाचार 
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