सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी अब हर सोमवार को फिर से आयरन की गोली खाएंगे। उल्टी, दस्त व सिरदर्द जैसी शिकायत आने के बाद एक साल पहले बंद की गई वीकली आयरन फोलिक-एसिड सप्लीमेंट (विफ्स) योजना को स्वास्थ्य विभाग ने दोबारा शुरू कर दिया है। राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत इस योजना के तहत
सरकारी स्कूलों में छठी से दसवीं तक के विद्यार्थियों को यह गोली खिलाई जाएगी। स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों ने इसके लिए स्कूलों में गोलियां भिजवा दी हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। यह गोली सप्ताह में एक बार दी जानी है, इसलिए सोमवार का दिन चुना गया है। गौरतलब है कि यह योजना 2013 में शुरू की गई थी। बच्चों में उल्टी, दस्त, चक्कर आने व सिरदर्द की शिकायत आने के बाद इस योजना को जुलाई 2015 में बंद कर दिया गया था। बच्चों में खून की कमी को देखते हुए एक साल बाद फिर से इस योजना को शुरू किया गया है।
अध्यापक ही खिलाएंगे गोली: स्वास्थ्य विभाग ने आयरन की गोलियों का स्टॉक स्कूलों में भिजवा दिया है। हर सोमवार को अध्यापक ही बच्चों को गोलियां बांटेंगे। अध्यापकों के समक्ष ही विद्यार्थियों को गोली खानी होगी। समय-समय पर स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा इस योजना की समीक्षा भी की जाएगी और स्कूलों से रिपोर्ट भी ली जाएगी। अधिकारियों की मानें तो इस समय 60 फीसद से ज्यादा सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों में खून की कमी पाई जा रही है।
गोली खाने वाले दिन सावधानी रखनी होगी: चिकित्सकों की मानें तो आयरन फोलिक-एसिड की गोली खाने के दिन विद्यार्थियों को थोड़ी सावधानी भी बरतनी होगी। जिस दिन बच्चे को यह गोली खिलाई जाए, उस दिन वह खाली पेट नहीं होना चाहिए। दूध, लस्सी, पनीर या खोया आदि दूध से बनी किसी भी चीज का सेवन नहीं किया जाना चाहिए। इसके अलावा कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ के सेवन से भी बचना होगा। चिकित्सकों ने अध्यापकों को इस तरह की जानकारी उपलब्ध करवाई है, जिससे वे बच्चों को इस बारे में जागरूक कर सकें।
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साभार: जागरण समाचार
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