हरियाणा में अनुबंध और तदर्थ आधार पर लगे कर्मचारियों के नियमित होने का रास्ता साफ हो गया है। भाजपा सरकार ने पिछली हुड्डा सरकार के समय बनी 10 साल की सेवा अवधि पूरी करने वाले ग्रुप ‘सी’ एवं ‘डी’ के कर्मचारियों को नियमित किए जाने की पालिसी पर लगी रोक हटा ली है। राज्य सरकार ने हुड्डा सरकार के समय बनी नियमितीकरण की इस पालिसी की समीक्षा करने के बाद यह फैसला लिया है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। पिछली हुड्डा सरकार के समय फैसला हुआ था कि ग्रुप ‘सी’ एवं ‘डी’ के ऐसे कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित किया जाएगा, जिनकी नियुक्ति स्वीकृत पदों के विरुद्ध की गई है और जो 10 वर्ष की सेवा अवधि पूरी कर चुके हैं। 31 दिसंबर, 2018 तक यह सेवा अवधि पूरी करने वाले कर्मचारियों को भी पालिसी का लाभ देने की बात कही गई थी। भले ही ऐसे कर्मचारियों की मूल नियुक्ति विज्ञापन और साक्षात्कार की प्रक्रिया द्वारा न हुई हो, लेकिन उनका सेवा रिकार्ड संतोषजनक होना चाहिए। भाजपा सरकार ने 5 मई 2015 को हुड्डा सरकार के समय बनी इस पालिसी की समीक्षा का फैसला लेते हुए इस पर रोक लगा दी थी, जिस कारण हजारों कर्मचारियों के नियमित होने का रास्ता बंद हो गया था। सरकार ने सभी प्रशासनिक सचिवों को आदेश दिए गए हैं कि 16 जून अथवा 16 जून 2014 के बाद की नियमितीकरण पॉलिसी की समीक्षा की जा चुकी है और इस पर लगी रोक वापस ले ली गई है।
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साभार: जागरण समाचार
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