Thursday, January 7, 2016

शैक्षणिक योग्यता का असर: 52 फीसदी उम्मीदवार बिना लड़े जीते, 584 पदों के लिए नहीं मिला कोई उम्मीदवार

हरियाणा में हो रहे पंचायत चुनाव में पहले चरण में आधे से अधिक उम्मीदवार बिना चुनाव लड़े जीत गए हैं। इन उम्मीदवारों को सर्वसम्मति से चुन लिया गया है। पूरी ग्राम पंचायत के निर्विरोध चुने जाने पर 11 लाख रुपये और सरपंच के निर्विरोध चुने जाने पर पांच लाख रुपये का अनुदान विकास कार्यो के लिए दिए जाने का
प्रावधान है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। पंचायती राज संस्थानों के पांचवें आम चुनाव के प्रथम चरण में 51.9 प्रतिशत उम्मीदवार सर्वसम्मति से चुने जा चुके हैं। पहले चरण का मतदान 10 जनवरी को है। तस्वीर का दूसरा पहलू यह भी है कि चुनाव में शैक्षणिक योग्यता लागू हो जाने की वजह से पहले चरण के लिए 584 पंच पदों के लिए उम्मीदवार ही नहीं मिल पाए हैं। विकास एवं पंचायत मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 175 में किए गए संशोधन से खुश हैं। उनका कहना है कि 10 जनवरी को प्रथम चरण के 30 हजार 468 वार्डो में हो रहे चुनाव में 15 हजार 825 उम्मीदवारों का चयन सर्वसम्मति से होना भाईचारे की मिसाल तो है ही, साथ ही लोगों में जागरूकता भी पैदा कर रहा है। धनखड़ ने कहा कि हरियाणा सरकार की पहली बार पंचायत व स्थानीय निकायों के चुनाव में शैक्षणिक योग्यता जैसी नई शर्तो को अनिवार्य करने की पहल को सुप्रीम कोर्ट ने भी वाजिब ठहराया है। इसे पूरे देश में अपनाए जाने की आवश्यकता बताए जाने के बाद हरियाणा देश के अन्य राज्यों के लिए एक उदाहरण बना है।
वोट डालने के लिए पहचान पत्र जरूरी: राज्य चुनाव आयुक्त राजीव शर्मा के अनुसार विधानसभा तथा लोकसभा चुनावों के लिए जारी मतदाता फोटो पहचान पत्रों और पंचायत मतदाता सूची में फोटो पहचान पत्र पर उल्लेखित संख्या वाले पहचान पत्र 10, 17 व 24 जनवरी को होने मतदान के समय मान्य होंगे। यदि किसी मतदाता को फोटो पहचान पत्र जारी नहीं किया गया है और उसका नाम पंचायत मतदाता सूची में शामिल है तो वह ड्राइविंग लाइसेंस, आयकर पहचान पत्र (पैन कार्ड), केन्द्र अथवा राज्य सरकार के कार्यालयों द्वारा जारी सेवा पहचान पत्रों समेत अन्य पहचान के जरिए वोट डाल सकता है।
नशा मुक्त पंचायत देने वाले को ही चुनें: आर्य समाजी नेता स्वामी अग्निवेश ने हरियाणा के पंचायत चुनाव के द्वारा नशामुक्त पंचायत-नशामुक्त भारत अभियान की शुरुआत करने का सुझाव दिया है। उन्होंने कहा कि शराब एवं अन्य मादक पदार्थ न सिर्फ व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक रुप से क्षति पहुंचाता है, बल्कि वो हमारे पारिवारिक जीवन को भी तबाह करते हैं। स्वामी ने कहा कि नशे का बढ़ता साम्राज्य एवं कारोबार सभी तरह से समाज व देश के लिए विनाशकारी है। उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव में उसी प्रत्याशी का चयन किया जाए, जो नशामुक्त पंचायत बनाने का लिखित आश्वासन दे।
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साभारजागरण समाचार 
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