Friday, April 10, 2015

लापरवाही: चलती स्कूल बस का फर्श टूटा, सीट समेत बच्चा नीचे गिरा और छिन गई माँ-बाप की खुशियां

खबर उत्तर प्रदेश के पीलीभीत क्षेत्र से है। जिस स्कूल बस से नौ साल का ध्रुव कुमार रोज स्कूल जाता था, गुरुवार को वही उसके लिए काल बन गई। जिस सीट पर वह बैठा था वहीं की जर्जर टीन की चादर अचानक फट गई और वह बस के नीचे आ गया। चलती बस का पहिया उसपर से गुजर गया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। बस चालक मौके पर ही फरार हो गया। इस घटना के विरोध में लोगों ने बाजार बंद कर चक्का
जाम कर दिया। पुलिस ने बस चालक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर बस को कब्जे में ले लिया है। घटना के बाद से स्कूल प्रबंधन के के खिलाफ लोगों का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने जमकर नारेबाजी की। बीसलपुर के सीओ सुबेग सिंह सिद्धू और विधायक रामसरन वर्मा ने लोगों को बमुश्किल समझाकर शांत किया। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। बंडा क्षेत्र के गांव मकसूदापुर स्थित बजाज चीनी मिल परिसर में बजाज पब्लिक स्कूल है। जिस बस में ये हादसा हुआ वह शाहजहांपुर के कैलाश मैलानी की बस बताई जा रही है। बृहस्पतिवार को कक्षा चार में पढ़ने वाला ध्रुव कुमार छुट्टी के बाद अन्य बच्चों के साथ इसी बस से घर आ रहा था।  
  • घर से सौ मीटर पहले मौत ने मारा झपट्टा: बिलसंडा पहुंचने पर कस्बा निवासी एवं प्रमुख उर्वरक व्यवसायी डा. सुरेंद्र कुमार अग्रवाल का पौत्र ध्रुव जैसे ही सीट से खड़ा हुआ बस की गली फर्श टूट गई और वह सड़क पर जा गिरा। चालक जब तक बस रोक पाता बस का पहिया उसके ऊपर से गुजर गया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। जब यह हादसा हुआ बस उसके घर से मात्र 100 मीटर दूर रह गई थी। खबर कस्बे में फैली तो लोगों ने अपनी-अपनी दुकानें बंद करनी शुरू कर दीं। घटना के विरोध में शाम तक बाजार बंद रहा। परिवार के लोगों का आरोप था कि अभिभावकों ने तमाम बार खटारा बस को बदलने की मांग की, लेकिन स्कूल प्रशासन ने कोई ध्यान नहीं दिया। लोग स्कूल प्रबंधन पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग कर रहे थे।  
  • पता होता तो नहीं भेजती स्कूल: सुबह जब मासूम ध्रुव को तैयार करके स्कूल भेजा था उस समय अगर जरा सा भी अहसास हो जाता तो वह स्कूल नहीं भेजती। बेटे की लाश पर विलाप करते हुए उसकी मां मोना यही कहे जा रही थी कि उसके लाल ने किसी का क्या बिगाड़ा जो ऊपर वाले ने इतनी बड़ी सजा दे दी। संजीव अग्रवाल के दो बेटों में ध्रुव छोटा था। बड़ा बेटा ओम नगर के सरस्वती विद्या मंदिर में कक्षा 6 में पढ़ता है। शिकायत पर चेतता तो न जाती बच्चे की जान मकसूदापुर (शाहजहांपुर) स्थित बजाज शुगर मिल परिसर में ही चल रहे बजाज पब्लिक स्कूल में सीमावर्ती पीलीभीत जिले के कई गांवों के बच्चे भी पढ़ने जाते हैं।  
  • शिकायत के बाद भी स्कूल प्रबधंन ने नहीं बदली बस: स्कूल प्रबंधन ने बच्चों को लाने और ले जाने के लिए बरेली की दिशा ट्रैवल्स एजेंसी की बसों को किराए पर ले रखा है। सूत्र बताते हैं कि पुलिस, परिवहन अधिकारियों की मिलीभगत से यह खटारा व जर्जर बसें बेरोकटोक बच्चों को स्कूल लाती व ले जाती हैं। स्कूल प्रबंधन इस सुविधा के लिए बच्चों से इसका बकायदा शुल्क भी लेता है, लेकिन इसके बाद भी बच्चों को खटारा व जर्जर बसों से लाया व ले जाया जाता है। अभिभावकों ने स्कूल प्रबंध समिति के समक्ष कई बार अपने बच्चों को इस बस से भेजने के लिए इंकार भी किया था। लेकिन इसके बाद भी स्कूल प्रबंधन ने अभिभावकों की शिकायत पर गौर नहीं किया। अगर समय रहते इस पर ध्यान दिया गया होता तो शायद आज मासूम छात्र की जान नहीं जाती। 

साभार: अमर उजाला समाचार
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