Wednesday, July 27, 2016

भ्रष्ट अफसरों के नाम व उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं छुपाई जा सकती : हाईकोर्ट

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में स्पष्ट कर दिया कि भ्रष्टाचार में संलिप्त आइएएस, आइपीएस, एचसीएस व एचपीएस अधिकारियों के नाम व उनके खिलाफ कार्रवाई से सम्बंधित सूचना जनता से नहीं छुपाई जा सकती। जस्टिस गुरमीत सिंह संधावालिया ने ऐसे अधिकारियों के बारे में लोगों
को सूचना के अधिकार के अंतर्गत न देने के राज्य सूचना आयोग के फैसले को रद करते हुए यह फैसला सुनाया। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं।
रोहतक निवासी सुभाष चंद्र ने प्रदेश सरकार से भ्रष्टाचार में संलिप्त अधिकारियों के बारे में सूचना मांगी थी, लेकिन सूचना आयोग व हरियाणा सरकार ने यह कहते हुए सूचना देने से मना कर दिया था कि यह अधिकारियों की व्यक्तिगत सूचना है और यह अधिकारी व सरकार के बीच का मामला हैं। सूचना आयोग के आदेश को याची ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। याची के वकील प्रदीप रापडिया ने कोर्ट को बताया कि सभी सरकारी अधिकारी जनता के नौकर हैं और जनता को ये जानने का पूरा हक है कि कौन अधिकारी भ्रष्टाचार के मामलों में संलिप्त हैं और उनके खिलाफ सरकार ने क्या कार्रवाई की। ऐसी सूचना व्यक्तिगत हो ही नहीं सकती। याचिका में यह भी कहा गया है कि जब किसी आम आदमी के खिलाफ केस दर्ज होता है तो मीडिया और अन्य लोग खुलकर केस के बारे में लिख व बोल सकते हैं, लेकिन भ्रष्ट अधिकारियों के बारे में सूचना देने से मना करना गलत है। हाई कोर्ट में सूचना आयोग के फैसले को सही ठहराते हुए हरियाणा सरकार ने कहा था कि अधिकारियों के बारे में सूचना जनता को देना जनहित में सही नहीं होगा। इस पर याची के वकील ने कहा कि घर में नौकर रखने के लिए भी उसकी पुलिस वेरीफिकेशन जरूरी है, लेकिन आइएएस, आइपीएस, एचसीएस व एचपीएस जनता के हितों की रक्षा करने वाले सबसे बड़े नौकर हैं और ऐसे में भ्रष्ट अधिकारियों से सम्बंधित सूचना लोगों से छुपाने का कोई औचित्य नहीं है।
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभारजागरण समाचार 
For getting Job-alerts and Education News, join our Facebook Group “EMPLOYMENT BULLETIN” by clicking HERE. Please like our Facebook Page HARSAMACHAR for other important updates from each and every field.