Monday, March 30, 2015

नए वित्त वर्ष में ये दस बदलाव करेंगे आपकी जेब ढीली

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एक अप्रैल से नया वित्त वर्ष शुरू होने जा रहा है। इस दिन से आपके जीवन से जुड़ी कुछ चीजें ऐसी हैं जो बदल जाएंगी। इसका सीधा असर आपकी जेब पर पड़ेगा। बजट में हुई घोषणाओं के चलते भी इन चीजों पर असर पड़ेगा। इनमें ज्यादातर सेवाएं ऐसी हैं जिनसे आप पर महंगाई का बोझ पड़ेगा। आइए जानते हैं वित्त वर्ष 2015-16 आपकी
जेब पर किस तरह से असर डालेगा: 

बैंक वसूलेंगे ज्‍यादा शुल्‍क: प्राइवेट बैंकों के ग्राहकों को 1 अप्रैल से बैंकिंग सेवाओं के लिए अब अधिक शुल्‍क चुकाना पड़ेगा। सेविंग अकाउंट में अनिवार्य न्‍यूनतम बैलेंस नहीं रखने पर अधिक पेनल्‍टी देनी होगी। इतना ही नहीं, ग्राहकों को नई चेक बुक लेने और खाते में नकद जमा जैसी जरूरी सेवाओं पर भी अधिक शुल्‍क देना होगा। देश के प्रमुख निजी बैंक आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक ने ग्राहकों से अधिक चार्ज करने का खाका तैयार कर लिया है। 
10 रुपए का होगा रेलवे प्‍लेटफॉर्म टि‍कट: रेलवे ने प्लेटफार्म टिकटों की कीमत को बढाकर दस रुपए कर दिया है और नई दर एक अप्रैल से लागू हो जाएगी। रेल मंत्रालय के मुताबिक एक अप्रैल 2015 से प्लेटफार्म टिकटों की कीमत प्रति टिकट पांच रुपए से बढकर दस रुपए हो जाएगी। रेलवे ने इस बारे में सभी संबधितों को निर्दश दे दिए हैं। 
अब 4 माह पहले बुक होगा रेलवे टि‍कट: एक अप्रैल से यात्री अपने ट्रेन टिकटों का आरक्षण चार महीने पहले ही करा सकते हैं, क्योंकि रेलवे ने अग्रिम आरक्षण की अवधि 60 दिन से बढ़ाकर 120 दिन कर दि‍या गया है। 
पड़ेगी सर्विस टैक्‍स की मार: 
  • बिजनेस क्‍लास में हवाई सफर करने पर अब 60 फीसदी किराए पर सर्विस टैक्‍स देना होगा, जबकि इकोनॉमी क्‍लास पर 40 फीसदी किराए पर सर्विस टैक्‍स वसूला जाएगा। इससे बिजनेस क्‍लास में सफर महंगा हो सकता है।
  • सरकारी इमारत और सरकारी मकानों के निर्माण पर अब सर्विस टैक्‍स लगेगा।
  • एयरपोर्ट, पोर्ट के कंस्‍ट्रक्‍शन और इसे जुड़ी गतिविधियों पर अब सर्विस टैक्‍स वसूला जाएगा।
  • रेल, ट्रक या जहाज से चाय, कॉफी, शुगर, मिल्‍क प्रोडक्‍ट और खाद्य तेलों की ढुलाई पर भी सर्विस टैक्‍स लगेगा।
  • म्‍युचुअल फंड या एसेट मैनेजमेंट कंपनी को एजेंट द्वारा दी जाने वाली सेवाएं। ऐसे मामलों में सर्विस टैक्‍स म्‍युचुअल फंड कंपनी या एसेट मैनेजमेंट कंपनी को देना होगा। 
  • वितरक द्वारा म्‍युचुअल फंड या एएमसी को दी जाने वाली सेवाएं।
ये चीजें हो जाएंगी महंगी: खाना-पीना, इलाज, जिम, एयर टिकट, वाईफाई, पंडाल, फोन बिल, कैब, कूरियर, ब्यूटी पालर सर्विस, रेडियो टैक्सी, रेलवे टिकट, कंस्‍ट्रक्‍शन प्रॉपर्टी की खरीद जैसी तमाम सेवाएं महंगी हो जाएंगी।
इन चीजों पर मि‍लेगी सर्वि‍स टैक्‍स में छूट: 
  • फल-सब्जियों की प्री-कंडीशनिंग, प्री-कूलिंग, वैक्सिंग, रिटेल पैकिंग, लेबलिंग से जुड़ी सेवाओं पर अब सर्विस टैक्‍स नहीं लगेगा।
  • वरिष्‍ठ पेंशन बीमा योजना के तहत जीवन बीमा अब सर्विस टैक्‍स से मुक्‍त
  • थिएटर मालिक द्वारा डिस्‍ट्रीब्‍यूटरों को फिल्‍म प्रदर्शन की सेवाओं पर अब सर्विस टैक्‍स नहीं लगेगा।
  • मरीजों को दी जाने वाली एंबुलेस सेवाएं भी सर्विस टैक्‍स से मुक्‍त रहेगी।
  • एक्‍सपोर्ट के लिए फैक्‍ट्री से लैंड कस्‍टम स्‍टेशन तक वस्‍तुओं के ट्रांसपोर्ट पर भी अब सर्विस टैक्‍स नहीं लगेगा। यह निर्यातकों को बजट में मिली अहम रियायत है।
कर्मचारियों को हेल्‍थ इंश्‍योरेंस के दो विकल्‍प मिलेंगे: कर्मचारियों को हेल्‍थ इंश्‍योरेंस के दो विकल्‍प मिलेंगे - वे अपनी सुविधा से या तो ईएसआई चुनें या फिर बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण से मान्‍यता प्राप्‍त हेल्‍थ इंश्‍योरेंस प्रोडक्‍ट लें सकेंगे। 
हेल्‍थ इंश्‍योरेंस पर मिलेगी ज्‍यादा कर छूट: आम करदाता अब हेल्‍थ इंश्‍योरेंस पर 25 हजार रुपए की कर छूट ले सकते हैं। पहले यह सीमा 15 हजार रुपए थी। वरिष्‍ठ नागरिकों के मामले में धारा 80डी के तहत मिलने वाले डिडक्‍शन की सीमा 20,000 रुपए से बढ़कर 30,000 रुपए हो जाएगा। 80 साल से अधिक उम्र वाले वरिष्‍ठ नागरिकों की कुछ खास बीमारियों में होने वाले खर्चों की कटौती की सीमा सालाना 60,000 रुपए से बढ़कर 80,000 रुपए हो जाएगी। 
विकलांग सदस्‍यों की देखभाल पर कर छूट बढ़ेगी: आश्रित विकलांग व्यक्ति के इलाज के अलावा देखभाल के संबंध में डिडक्‍शन की सीमा 50,000 रुपए से बढ़कर 75,000रुपए हो जाएगी। इसके साथ ही, गंभीर विकलांगता की दशा में कटौती की सीमा को एक लाख रुपए से बढ़कर 1.25लाख रुपए करने का प्रस्ताव बजट में किया गया है। 
कर्मचारि‍यों के लिए अब पीएफ कटौती होगी ऑप्शनल: बजट में हुईं घोषणाओं के मुताबिक कामकाजी लोगों के लिए अब अपनी सैलरी में से प्रॉविडेंट फंड की कटौती ऑप्शनल होगी। अभी एम्प्लॉयज के बेसिक वेज (बेसिक पे+डीए) का 12 फीसदी हिस्सा पीएफ में जाता है। नई व्यवस्था के तहत एम्प्लॉयज को यह आजादी होगी कि वे चाहें तो पीएफ कटौती करवाएं या फिर एनपीएस में निवेश कर सकेगा। इसके अलावा एक तय इनकम वाले कर्मचारियों को पीएफ में कटौती से छूट मिलेगी, लेकिन उनके नियोक्ता को ईपीएफ में अंशदान करना अनिवार्य होगा। 
साथ ही,पेंशन और स्वास्थ्य बीमा योजना चुनने की भी आजादी होगी। संगठित क्षेत्र के कामकाजी पेंशन के लिए ईपीएफ और एनपीएस में से किसी एक को चुन सकेंगे। इसी तरह मेडिकल बेनिफिट के लिए ईएसआई और हेल्थ इंश्योरेंस में से कोई एक चुन सकेंगे। अभी एक निश्चित तनख्वाह के बाद एम्प्लॉयज अपने आप ईएसआई के दायरे से बाहर हो जाते थे।
पहली अप्रैल से लागू होगी कर में कटौती की यह सीमा
बचत छूट अब छूट पहले
धारा 80सी के तहत कटौती 1,50,000 रुपए(कोई बदलाव नहीं) 1,50,000 रुपए
धारा 80सीसीडी के तहत कटौती 50,000 रुपए की अतिरिक्त छूट 1,00,000 रुपए
आवास (स्व-अधिकृत) ऋण के ब्याज पर कटौती 2,00,000 रुपए 2,00,000 रुपए
हेल्‍थ इंश्‍योरेंस प्रीमियम पर धारा 80डी के तहत कटौती 25,000 रुपए(10 हजार अतिरिक्त छूट) 15,000 रुपए
ट्रांसपोर्ट एलाउंस पर छूट 19,200 रुपए (दोगुनी हुई छूट) 9,600 रुपए
कुल छूट 4,44,200 रुपए
टैक्‍स स्‍लैब में कोई बदलाव नहीं
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार
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