Sunday, March 29, 2015

स्मार्टफोन की बैटरी की लाइफ बढ़ाने और ब्लास्ट से बचाने के लिए कुछ टिप्स

नोट: इस पोस्ट को सोशल साइट्स पर शेयर/ ईमेल करने के लिए इस पोस्ट के नीचे दिए गए बटन प्रयोग करें। 
मोबाइल बैटरी फटने से हादसा होने की बात अब आम हो चुकी है। हालांकि, इसके बाद भी मोबाइल इस्तेमाल करने वाले यूजर्स सावधानी से काम नहीं लेते हैं। बात करने के दौरान, चार्जिंग के दौरान सबसे ज्यादा मोबाइल की बैटरी फटती है। कई मौके पर तो जेब में रखे मोबाइल की बैटरी में भी ब्लास्ट हो जाता है। हालांकि, नई बैटरी कम ब्लास्ट होती है, लेकिन बैटरी पुरानी हो जाए या फिर लोकल हो तो उसके ब्लास्ट होने के चांस बढ़ जाते हैं। ऐसे में मोबाइल
इस्तेमाल करने वाले हर यूजर्स को सावधानी से काम लेना चाहिए। किसी भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जैसे स्मार्टफोन, टैबलेट में जो बैटरी इस्तेमाल की जाती है, वो कई बार डिवाइस के डिजाइन के कारण भी ब्लास्ट का कारण बन जाती है। यानी, ब्लास्ट होता है तो इसका सारा दोष बैटरी को नहीं दिया जा सकता। इनमें भी कई मौके पर सिर्फ वो बैटरी ब्लास्ट होती हैं तो ऑरिजनल नहीं हैं या फिर उनका चार्जर ऑरिजनल नहीं है। बैटरी या चार्जर में से कोई भी एक ऑरिजनल नहीं हुआ तो ब्लास्ट की संभावना बढ़ जाती है। लिथियम बैटरी में एक छोटी सी समस्या है जिसे 'थर्मल रनवे' कहा जाता है। जिसके चलते गर्मी में ये ज्यादा गर्म होती है और होती चली जाती है। 
कई कंपनियां बैटरी में नहीं डालती ओवरहीट फ्यूज: इन दिनों स्मार्टफोन स्लिम होते जा रहे हैं, जिसके चलते बैटरी भी पतली होती जा रही हैं। ऐसे में बैटरी के अंदर पॉजीटिव और निगेटिव प्लेट के लिए पर्याप्त जगह नहीं होती। ऐसे में ये दो प्लेट्स कई बार समस्या का कारण बन जाती हैं और ब्लास्ट हो जाता है। बैटरी बनाने वाली कंपनियां सही गाइडलाइन को फॉलो करें तो वो सुरक्षित बैटरी का उत्पादन कर सकती हैं। कई कंपनियां तो पैसे बचाने के चलते बैटरी में ओवरहीट डिस्कनेक्ट सर्किट फ्यूज भी नहीं डालती। 
जब बैटरी के ब्लास्ट से पूरा घर जल गया: हांगकांग में एक व्‍यक्ति के घर में उस वक्त आग गई, जब वो अपने सैमसंग गैलेक्सी एस 4 में गेम खेल रहा था। आग लगने से उसने घबराकर मोबाइल फेंक दिया, फोन सोफे पर गिरा और उसमें आग लग गई सोफे से आग परदों में लग गई। उसके बाद आग धीरे-धीरे पूरे घर में फैल गई। आग लगने के बाद वो अपनी बीवी और अपने पालतू जानवर को लेकर घर के बाहर आ गया, लेकिन इस आग में उसका पूरा घर जलकर राख हो गया। 
मोबाइल बैटरी ब्लास्ट होने से बचाने के लिए इन टिप्स को फॉलो करें:
  • यूजर्स सोते समय मोबाइल को अपने पास नहीं रखें। वो उसे दूर किसी टेबल पर रखें।
  • मोबाइल चार्ज पर लगाएं तो ‍ना तो कॉल रिसीव करें और ना कॉल लगाएं।
  • बैटरी को पूरा चार्ज नहीं करें, 10 प्रतिशत की गुंजाइश हमेशा रखें।
  • कुछ लोग रात से लेकर सुबह तक बैटरी चार्ज करते हैं, ये मोबाइल फटने का बड़ा कारण हो सकता है।
  • जिस कंपनी का मोबाइल है, उसी कंपनी के चार्जर का प्रयोग करें। नकली चार्जर का इस्तेमाल तो बिल्कुल नहीं करें।
  • जिस कंपनी का मोबाइल हो, उसी कंपनी की बैटरी का प्रयोग करें। सस्ती या लोकल बैटरी खतरनाक होती है।
  • मोबाइल को चार्जिंग के वक्त गर्म जगह पर नहीं रखें। ऐसे में वो ओवर हीटिंग की वजह से फट सकता है।
अगर डिवाइस को रखना हो लंबे समय तक बंद: अगर आप अपने डिवाइस को लंबे समय तक बंद रखने जा रहे हों तो यह देख लें कि डिवाइस की बैटरी 50 प्रतिशत तक चार्ज है या नहीं। फिर डिवाइस को 32 डिग्री सेल्सियस के नीचे ठंडे तापमान वाली जगह पर रख दें। इस तरह डिवाइस 6 महीने तक चार्ज रह सकता है। 
अल्ट्रा फास्ट चार्जर का ना करें इस्तेमाल: अल्ट्रा फास्ट चार्जर की मदद से हम डिवाइस को तेजी से चार्ज कर सकते हैं, लेकिन यह बैटरी की उम्र कम कर देता है। इसलिए रेगुलर चार्जर ही इस्तेमाल करें। अल्ट्रा फास्ट चार्जर और पोर्टेबल चार्जर के इस्तेमाल से बैटरी का टॉकटाइम और स्टैंडबाय टाइम भी घटता है। 
न होने दें फुल डिस्चार्ज: हमें डिवाइस की बैटरी को 40 से 80 प्रतिशत के बीच में रखना होता है। मतलब डिस्चार्ज बैटरी को पहले 40 प्रतिशत तक चार्ज कर लें और उसके बाद चार्जिंग बंद कर उसे थोड़ी देर बाद फिर 80 प्रतिशत तक चार्ज करें। 
नहीं करें ओवर चार्जिंग: फोन के फुल चार्ज होने के बाद उसके चार्जर को निकाल दें, उसे अधिक देर तक चार्ज में नहीं लगाए रखें। ओवर चार्जिंग फोन की बैटरी के लिए हानिकारक है कई फोन निर्माता कंपनियों ने एक सीमा तय कर रखी है कि उससे अधिक चार्ज करने पर बैटरी लाइफ प्रभावित होती है। 
नकली चार्जर का ना करें इस्तेमाल: सस्ते चार्जर फोन की बैटरी को खराब कर सकते हैं साथ ही आपको भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। आपने कई बार अचानक बैटरी के विस्फोट होने की खबरें सुनी होंगी। इस तरह की घटनाओं का कारण नकली चार्जर भी है। 
तापमान का रखें ख्याल: अगर आप 0 डिग्री सेल्सियस से नीचे या 35 डिग्री सेल्सियस के ऊपर के तापमान पर रहते हैं तो फोन की बैटरी बहुत तेजी से खत्म होने लगती है। इसके अलावा, तेज गर्मी का असर भी डिवाइस पर पड़ता है। इससे डिवाइस गर्म हो जाता है और बैटरी की प्रोडक्टिविटी भी कुछ कम होने लगती है। इसलिए अपने फोन या टैबलेट को सूरज की गर्मी से दूर रखें।
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार
For getting Job-alerts and Education News, join our Facebook Group “EMPLOYMENT BULLETIN” by clicking HERE . Please like our Facebook Page HARSAMACHAR for other important updates from each and every field.