Wednesday, February 8, 2017

कॅरिअर में तकनीक की ज्यादा मदद लेती है जनरेशन जेड

2020 के अंत तक जनरेशन जेड (1995 के बाद जन्म लेने वाले) कुल कंज्यूमर में 40 फीसदी की हिस्सेदारी होगी। यह जनरेशन तेज विचारों वाली, स्पष्ट बातचीत करने और आइडिया को तेजी से लागू करने का माद्दा रखती है। ऐसे कई फैक्टर हैं, जो जनरेशन जेड को अलग बनाते हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा
डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। टेलीरंग द्वारा हाल ही में की गई रिसर्च में हमें जनरेशन जेड के बारे में कई रोचक तथ्य पता चले हैं। इन्हें तीन कैटेगरी में बांटा गया है। 
कॅरिअर एटीट्यूड: सर्वे के अनुसार जनरेशन जेड के 34 फीसदी युवाओं को लगता है कि उनका पैशन उनके कॅरिअर में सबसे महत्वपूर्ण फैक्टर है। नई पीढ़ी में जानने की उत्सुकता और लक्ष्य को पाने का पैशन ही उसे अलग बनाता है और यही एटीट्यूड उनके कॅरिअर के चुनाव में स्पष्ट नजर आता है। 
टेक्नोलॉजी के बारे में जागरूकता: जनरेशन जेड इंटरनेट मीडिया का बहुत बड़ा कंज्यूमर वर्ग है। यह जनरेशन अपना लगभग 35.5 फीसदी समय मोबाइल का उपयोग करते हुए बिताती है। ये लोग मैसेज के बजाय ईमेज और वीडियो के माध्यम से बातें करते हैं और नई टेक्नोलॉजी के साथ बहुत सहज महसूस करते हैं। इस जनरेशन के लोग नए प्रोडक्ट के साथ प्रयोग करने के लिए उत्सुक रहते हैं और शायद ही कभी यूज़र मैनुअल को देखते हैं। एप की मदद से कैब बुलाना, वेबसाइट के माध्यम से किसी भी प्रकार का प्रोडक्ट खरीदना, क्लाउड सिस्टम में डेटा बैकअप करना, ऑनलाइन पोर्टल की मदद से इलेक्ट्रिसिटी बिल जमा करना, ये कुछ ऐसे काम हैं, जिन्हंे करने में जनरेशन जेड को कोई समस्या नहीं होती। जनरेशन जेड के 46 फीसदी लोग तकनीक को लेकर बहुत ही सहज महसूस करते हैं। 
शैक्षणिक योग्यता और स्किल: जनरेशन जेड में इससे पूर्व की जनरेशन की अपेक्षा सराहनीय बदलाव आए हैं। पहले की जनरेशन जहां इंजीनियरिंग, बैंकिंग और मेडिसिन जैसे कोर्स में दाखिला लेते हैं, वहीं जनरेशन जेड अब नए और अलग कोर्स को चुन रही है। ये अपने पसंद के कोर्स का चुनाव करने से हिचकिचाते नहीं हैं। डिजिटल मार्केटिंग, लिबरल आर्ट और स्क्रीन प्ले राइटिंग ऐसे ही कोर्स के उदाहरण हैं। जिनका चुनाव वर्तमान में इस जनरेशन द्वारा किया जा रहा है। इससे भी अधिक इन्हें पता होता है कि खुद को शिक्षित कैसे करना है और कहां से जानकारी कैसे ढूंढनी है। सर्वे के अनुसार जनरेशन जेड के 33 फीसदी युवा लेशन ऑनलाइन देखते हैं, 20 फीसदी ऑनलाइन किताब पढ़ते हैं। यह बात भी सामने आई है कि इनमें सीखने की ललक होती है। वे निरंतर नई चीजें सीखने का प्रयास करते रहते हैं।
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार 
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