Monday, January 2, 2017

Right to Disconnect: कर्मचारी घर पर फोन रिसीव करने और ई-मेल, मैसेज का जवाब देने को बाध्य नहीं

फ्रांस सरकार ने कर्मचारियों के लिए 'राइट टू डिस्कनेक्ट' कानून बनाया है। इसके तहत कर्मचारी अब ऑफिस टाइम के बाद घर पर अपना स्मार्टफोन, लैपटॉप जैसे डिजिटल डिवाइसेस को बंद रख सकते हैं। इसके अलावा वे घर से कंपनी के किसी मेल का जवाब देेने और फोन कॉल को रिसीव करने के लिए बाध्य नहीं होंगे। यह कानून एक जनवरी से लागू हो गया है। दरअसल, देश के कर्मचारियों को काम के बाद पर भी ऑफिस के
ईमेल चेक करने के लिए घर पर घंटों समय देना पड़ता है। इससे उनकी निजी जिंदगी प्रभावित हो रही है। डिजिटल डिवाइसेस के ज्यादा इस्तेमाल से कर्मचारियों में सुस्ती, डिमेंशिया, काम के दौरान नींद, रिश्तों में तनाव जैसी समस्याएं और बीमारियां हाे रही हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने कुछ समय पहले देश के लेबर लॉ में बदलाव किया था। इसके तहत कर्मचारी सिर्फ घर से ई-मेल जवाब देने के लिए बाध्य नहीं था। अब नए कानून में सभी तरह की डिजिटल डिवाइस को डिस्कनेक्ट करने की आजादी मिल गई है। नए कानून 50 से ज्यादा कर्मचारी वाली कंपनी संस्था पर लागू होगा। यहां के कर्मचारी घर पर स्मार्टफोन को बंद रख सकते हैं। नए कानून के आने के बाद कंपनियां कर्मचारियाें के निजी जिंदगी को ऑफिस की कामांे से प्रभावित नहीं कर पाएंगी। यदि कंपनी इस संबंध में कर्मचारी से कोई समझौता करती है तो उसे एक घोषणापत्र प्रकाशित करना होगा। जिसमें कर्मचारियों के मांगों और उनके निजी जिंदगी के अधिकारों के बारे में बताना होगा। इस विषय पर अक्टूबर में एक सर्वे प्रकाशित हुआ था। जिसमें कर्मचारियों की स्थिति के बारे में बताया गया था। इसके बाद सरकार सोच रही थी कंपनियां खुद 'राइट टू डिस्कनेक्ट' का विचार करेंगी। लेकिन ऐसा नहीं किया। वहीं डिजिटल डिवाइस से मिली आजादी और लचीलापन को कर्मचारी छोड़ना नहीं चाहते थे। इसलिए सरकार कानून को लागू करने के लिए बाध्य हुई।' श्रम मंत्री मरियम एल खोमरी ने सितंबर में एक रिपोर्ट प्रस्तुत की थी। उसमें वर्कप्लेस के माहौल से कर्मचारियों के सेहत पर पड़ने वाले खतरे को बताया गया था।