Monday, January 2, 2017

नए आर्मी जनरल रावत ने पहले दिन भरी हुंकार; हम शांति चाहते हैं, लेकिन किसी ने छेड़ा तो बख्शेंगे नहीं

नए थल सेना अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने कल पदभार ग्रहण कर लिया है। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हम सीमा पर अमन-चैन चाहते हैं लेकिन उकसाया जाएगा तो ताकत का प्रयोग करने से चूकेंगे नहीं। पदभार ग्रहण करने के बाद 27वें
सेनाध्यक्ष को साउथ ब्लॉक में रविवार को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। सेनाध्यक्ष पद की दौड़ में पिछड़े अपने से वरिष्ठ अफसरों ले. जन. प्रवीण बख्शी और ले. जन. पीएम हारिज के प्रति उन्होंने सम्मान जाहिर किया कि उन्होंने सेना के लिए अपने पदों पर बने रहने का फैसला लिया है। जनरल रावत ने बिना नाम लिए पाकिस्तान को चेतावनी दी कि सीमा पर भारत शांति चाहता है। लेकिन देश की सीमाओं से कोई भी छेड़छाड़ हुई तो सेना उसका मुंहतोड़ जवाब देगी। बता दें कि पाकिस्तान से भारत की 3323 किमी लंबी सीमा लगती है। इसमें 749 किमी की नियंत्रण रेखा (लाइन ऑफ कंट्रोल) भी है। जनरल रावत ने सेना के सभी कर्मचारियों को संदेश दिया कि उनके लिए हर सैनिक महत्वपूर्ण है। जनरल ने शहीद सैनिकों के परिजनों, वीर नारियों और जंग में अपाहिज हुए सैनिकों का ध्यान रखना भी सेना का परम कर्तव्य है। 
दोनों देशों ने सौंपी परमाणु ठिकानों की सूची: भारत और पाकिस्तान ने नए साल के पहले दिन अपने-अपने परमाणु प्रतिष्ठानों की सूची एक-दूसरे को सौंपी। इस तरह का आदान-प्रदान लगातार 26वें साल हुआ है। इसका मुख्य कारण यह है कि सूची में शामिल प्रतिष्ठानों पर हमला नहीं किया जा सकता। 
विदेश मंत्रालय के मुताबिक सूची का आदान प्रदान राजनयिक स्तर पर इस्लामाबाद और नई दिल्ली में हुआ। आदान-प्रदान से संबंधित समझौता 31 दिसंबर 1988 को हुआ था और 27 जनवरी 1991 को प्रभावी हुआ। दोनों देश एक जनवरी को अपने परमाणु प्रतिष्ठानों की सूची एक दूसरे को देते हैं। इसके साथ ही दोनों देशों ने अपनी अपनी जेलों में बंद दूसरे देश के नागरिकों की सूची भी सौंपी। इनमें मछुआरे भी शामिल हैं। यह सूची इसलिए दी जाती है ताकि कैदियों को कांसुलर से मदद दिलवाई जा सके। इसके लिए समझौते पर 2008 में दस्तखत हुए थे। ऐसी सूची हर साल एक जनवरी और एक जुलाई को दी जाती है। पाक ने भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को कांसुलर मदद की इजाजत नहीं दी है। उसका कहना कि वह रॉ का जासूस है। भारत का कहना है कि वह नौसेना का पूर्व अधिकारी है और अब उसका सेना से कोई संबंध नहीं है। 
भारत-बांग्लादेश सीमा पर लगेंगे स्मार्ट सेंसर-लेजर की दीवारेंभारत-बांग्लादेश की सीमा पर जल्द ही स्मार्ट सेंसर और लेजर की दीवारें सुरक्षा करेंगी। यह ऐसी जगहों पर निगरानी और सुरक्षा के लिए कारगर होगा जहां सुरक्षाबलों की तैनाती संभव नहीं है। दुर्गम इलाकों से होने वाली घुसपैठ इस तकनीक से रोकी जाएगी। बीएसएफ के अफसर ने बताया कि यह व्यवस्था खासतौर पर पोरस नदी के आसपास के इलाकों में की जाएगी। जहां बाड़ लगाना मुमकिन नहीं है। अगले साल तक यह योजना पूरी हो जाएगी। अगले कुछ महीनों में इसका पायलट प्रोजेक्ट भी शुरू हो जाएगा। हाल ही में बीएसएफ के डीजी केके शर्मा और अन्य अफसरों ने इन इलाकों का दौरा किया है। बता दें कि 4 हजार किमी लंबी भारत-बांग्लादेश सीमा में 2216 किमी सीमा पश्चिम बंगाल का इलाका है।
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साभार: भास्कर समाचार 
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