हरियाणा में जिला स्तर पर अनुबंध के आधार पर होने वाली 50 हजार भर्तियां निदेशकों के हाथ से छीन ली गई हैं। इन भर्तियों के लिए सरकार अब नया सिस्टम विकसित करेगी। मत्स्य पालन विभाग की भर्तियों में धांधली के आरोप लगने के बाद सरकार ने यह फैसला लिया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मत्स्य पालन विभाग की
भर्तियां रद होने की खबर पर मुहर लगाते हुए कहा कि जिला स्तर पर होने वाली भर्तियों का पारदर्शी सिस्टम तैयार होगा। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। प्रदेश सरकार ने पिछले साल जून में आउटसोर्सिग और ठेकेदारों के माध्यम से होने वाली भर्ती पर रोक लगाते हुए तृतीय व चतुर्थ श्रेणी की 25-25 हजार भर्तियां अनुबंध के आधार पर करने का ऐलान किया था। इन भर्तियों के लिए जिला स्तर पर चयन कमेटियां बनाने का मॉडल विकसित किया गया, जिसकी बागडोर विभागीय निदेशक के हाथों में सौंपी गई थी। सांसदों और विधायकों की इन भर्तियों में खास सुनवाई नहीं हो रही थी और अफसरों का हस्तक्षेप बढ़ता जा रहा था। मगर मत्स्य पालन विभाग में भर्ती में हुई धांधली उजागर होने के बाद सरकार को पूरी व्यवस्था बदलने का मौका हाथ लग गया। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि अनुबंध के आधार पर 50 हजार भर्तियां तो होंगी मगर अब उन्हें निदेशक नहीं कर सकेंगे। जिला स्तर पर होने वाली इन भर्तियों के लिए पारदर्शी नीति तैयार की जाएगी। बता दें कि राज्य में प्रथम, द्वितीय व तृतीय श्रेणी की भर्तियां लोक सेवा आयोग और हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग करते हैं। वहीं, मनोहर सरकार शिक्षा विभाग की तरह दूसरे विभागों में भी इस साल कर्मचारियों की आनलाइन तबादला नीति तैयार करेगी। नई व्यवस्था के मुताबिक अब सौ फीसदी दिव्यांग और कैंसर पीड़ित कर्मचारी को उसकी मनपसंद केंद्र दिया जाएगा। शादी के केस में पति-पत्नी को एक ही केंद्र पर नियुक्ति देने पर भी सरकार का रुख नरम है।
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साभार: जागरण समाचार
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