भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) में एसबीबीजे समेत पांच सहयोगी बैंकों और भारतीय महिला बैंक का विलय अगले वित्त वर्ष में खिसक सकता है। बैंक की प्रमुख अरुंधति भट्टाचार्य ने सोमवार को यह संकेत दिए। उन्होंने
बताया कि एसबीआई को इस संबंध में सरकार से नोटिफिकेशन जारी होने का इंतजार है। इस मेगा-मर्जर में करीब एक तिमाही की देरी हो सकती है। उन्होंने कहा, हमें अभी सरकार से मंजूरी नहीं मिली है। अब मंजूरी मिलती भी है तो अंतिम तिमाही में विलय करना समझदारी नहीं होगी क्योंकि आईटी सिस्टम में काफी कुछ बदलाव की जरूरत होगी। पहले यह कहा गया था कि विलय प्रक्रिया मार्च 2017 तक पूरी हो जाएगी। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। अरुंधति ने कहा, 'सामान्य तौर पर बैंक आईटी सिस्टम में बदलाव मध्य फरवरी तक बंद कर देता है। हम वार्षिक खाताबंदी के वक्त कोई जोखिम नहीं लेते। इसलिए हम वार्षिक खाताबंदी के बाद इस मर्जर पर गौर करना चाहेंगे।' यह पूछे जाने पर कि मर्जर प्रक्रिया पूरी होने के लिए उनके पास कोई नया समय है। अरुंधति ने कहा, 'फिलहाल नहीं। पहले सरकार से मंजूरी मिलने दीजिए। सरकार को विलय की योजना को नोटिफाई करना है। इसके बाद ही हमें पता पाएगा।' एसबीआई के पांच सहयोगी बैंकों में तीन लिस्टेड हैं- स्टेट बैंक आफ बीकानेर एंड जयपुर (एसबीबीजे), स्टेट बैंक आफ मैसूर (एसबीएम) और स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर। दो नॉन-लिस्टेड बैंक हैं स्टेट बैंक आफ पटियाला और स्टेट बैंक आफ हैदराबाद। भारतीय महिला बैंक (बीएमबी) का भी एसबीआई में विलय होना है। - 50 करोड़ ग्राहकों के साथ 37,000 अरब रु. से ज्यादा की संपत्ति होगी।
- एसबीआई की देशभर में हो जाएंगी 22,500 शाखाएं, 58,000 एटीएम।
- प्रस्तावित मेगा-मर्जर के बाद एसबीआई वैश्विक आकार का बैंक बन जाएगा।
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साभार: भास्कर समाचार
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