नोटबंदी के बाद भिवानी और फरीदाबाद में हुए शहरी निकाय चुनावों में भाजपा को कामयाबी मिली है। फरीदाबाद नगर निगम में तो पार्टी ने भारी बहुमत हािसल किया है। उसे यहां 40 में से 29 वार्डों में जीत मिली है। भाजपा ने निगम चुनाव पार्टी सिंबल पर लड़ा था। फरीदाबाद नगर निगम का गठन 22 साल पहले हुआ था।
यहां भाजपा का मेयर पहली बार बनेगा। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। भिवानी नगर परिषद में भाजपा ने िसंबल पर प्रत्याशी नहीं उतारे थे, लेकिन यहां भी 31 वार्डों में से पार्टी समर्थित 18 पार्षद जीते हैं। नतीजे घोषित होने के बाद भाजपा ने दावा किया कि उसके 18 पार्षद हैं तथा 4-5 और आने वाले हैं। भाजपा पहली बार ऐसी स्थिति में आई है कि अपना नप चेयरमैन बना सके। फिलहाल मुनिया तंवर, आशा रानी चावल नरेंद्र सर्राफ दौड़ में हैं।
भिवानी और फरीदाबाद नगर निगम चुनाव के लिए रविवार को मतदान कराए गए। छोटी-मोटी झड़प को छोड़कर दोनों जगहों पर वोटिंग शांतिपूर्ण रही। मतदान खत्म होने के फौरान बाद मतगणना शुरू हो गई थी। देररात तक सभी नतीजे घोषित कर दिए। शीतलहर और छुट्टी का दिन होने के बावजूद मतदान को लेकर लोगों में खासा जोश दिखा। भिवानी में 74.1 फीसदी जबकि फरीदाबाद में 55 फीसदी वोटिंग हुई। दोनों शहरों के 71 वार्डों पर चुनाव के लिए 991 मतदान केंद्र बनाए थे।
डबवाली नगरपालिका के वार्ड नंबर- 3 के उपचुनाव में भाजपा और इनेलो का साथ आना भी कांग्रेस को रोक नहीं पाया। यहां कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी पवन बंसल ने इनेलो-भाजपा के सांझे उम्मीदवार सुरेंद्र बर्तन वाले को 132 वोटों के अंतर से हरा दिया। हालांकि चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद स्थानीय भाजपा नेता देव कुमार ने कहा- हमारा गठबंधन नहीं था। बल्कि भाजपा प्रत्याशी को समर्थन देते हुए इनेलो ने मैदान छोड़ा था।
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साभार: भास्कर समाचार
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