वैश्वीकरण के मौजूदा दौर में देश के आर्थिक विकास में अंतरराष्ट्रीय व्यापार का महत्व बढ़ा है। हालांकि इसकी शुरुआत आर्थिक उदारीकरण के बाद ही हो गई थी, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में इसमें तेजी देखने को मिली है। परंपरागत आयात और निर्यात के बढ़ने से अंतरराष्ट्रीय व्यापार या इंटरनेशनल बिज़नेस के क्षेत्र में युवाओं के
लिए बेहतर कॅरिअर की संभावनाएं बढ़ी हैं। फाइनेंस या वैश्विक व्यापार के क्षेत्र में रुचि रखने वाले छात्र इसे बतौर कॅरिअर चुन सकते हैं। इंटरनेशनल बिज़नेस या अंतरराष्ट्रीय व्यापार, अर्थशास्त्र का एक हिस्सा है, जिसमें इंटरनेशनल फाइनेंस शामिल है। इंटरनेशनल बिज़नेस मंे गुड्स और सर्विस का एक देश से दूसरे देश में आदान-प्रदान किया जाता है। यदि किसी चीज का देश में उत्पादन नहीं होता है या कम होता है, तो दूसरे देश से चीजों को आयात किया जाता है। भारत की जीडीपी का 45 फीसदी हिस्सा अायात और निर्यात पर निर्भर करता है। अधिकांश एक्सपर्ट यह मानते हैं कि किसी भी देश का आयात और निर्यात या तो बराबर होना चाहिए या फिर निर्यात ज्यादा होना चाहिए। इसके लिए सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार की योजनाएं चलाई जाती हैं। इस क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के कॅरिअर विकल्प मौजूद हैं। प्रोडक्शन, पैकेजिंग, इंश्याेरेंस, ट्रासपोर्टेशन, शिपिंग और लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र अप्रत्यक्ष रूप से इससे प्रभावित होते हैं। इसके विस्तार से इंटरनेशनल बिज़नेस मैनेजमेंट प्रोफेशनल के लिए जॉब की संभावनाएं बढ़ी हैं।
जॉबप्रॉस्पेक्ट: इंटरनेशनल बिज़नेस मैनेजमेंट के छात्र मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों, फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन, बैंक अौर गवर्नमेंट एजेंसी और कई अन्य सरकारी और प्राइवेट कंपिनयों में जॉब कर सकते हैं। इसके अलावा प्रोफेशनल मर्केंडाइजिंग कंपनियों में भी जॉब कर सकते हैं।
एलिजिबिलिटी: इंटरनेशनल बिज़नेस मैनेजमेंट के अधिकतर कोर्स पोस्टग्रेजुएट स्तर पर होते हैं। छात्र किसी भी स्ट्रीम से 50 फीसदी अंकों के साथ बैचलर डिग्री करने के बाद इसके एमबीए कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं। इसके अलावा इसके पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा कोर्स में भी प्रवेश ले सकते हैं। अधिकतर संस्थानों में प्रवेश कैट, ज़ैट, मैट, एमैट, जीमैट, एनमैट या सैट के स्कोर के आधार पर मिलता है। कुछ संस्थान खुद का एंट्रेंस टेस्ट भी आयोजित करते हैं। इंटरनेशनल बिज़नेस के एमबीए कोर्स में प्रवेश के लिए कुछ संस्थानों में वर्क एक्सपीरियंस की भी जरूरत होती है।
कमाई: संस्थान और अनुभव के आधार पर इंटरनेशनल बिज़नेस प्रोफेशनल का पैकेज अलग-अलग हो सकता है। इस क्षेत्र में फ्रेशर को 12 से 15 हजार रु. प्रति माह का पैकेज मिल सकता है। कुछ वर्षों के अनुभव के बाद कमाई 25 से 50 हजार रुपए प्रति माह तक हो सकती है।
प्रमुख संस्थान:
- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन ट्रेड, दिल्ली www.iift.edu
- बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी, वाराणसी www.bhu.ac.in
- दिल्ली यूनिवर्सिटी, दिल्ली www.du.ac.in
- सिम्बायोसिस इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल बिज़नेस, पुणे www.siib.ac.in
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साभार: भास्कर समाचार
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