पिछले कुछ वर्षों में कैशलेस व्यवस्था को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। इंटरनेट तक लोगों की बढ़ती पहुंच और कैशलेस व्यवस्था की तरफ बढ़ती इकोनॉमी से देश के बड़े और मध्यम शहरों और छोटे कस्बों मंे जल्द ही इसका प्रभाव देखने को मिलेगा। इससे ई-रिटेल सेक्टर में भी आने
वाले समय में ग्रोथ देखने को मिलेगी। हाल ही में जारी की गई एक रिपोर्ट के मुताबिक 2020 तक भारत का ई-कॉमर्स करीब 103 अरब डॉलर का होगा। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार इस ग्रोथ की वजह से आने वाले पांच सालों मंे ई-रिटेल और इससे जुड़े हुए क्षेत्रों में करीब 14 लाख नई नौकरियों के अवसर बनेंगे। इससे सबसे ज्यादा लगभग 55 फीसदी नौकरियां लॉजिस्टिक्स और वेयर हाउसिंग के क्षेत्र में होंगी। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि इसमें से करीब 4 लाख नौकरियों में हाई स्किल की मांग होगी। रिपोर्ट के अनुसार ई-रिटेल और ई-कॉमर्स के बढ़ने से आईटी और आईटीईएस के क्षेत्र में भी प्रोफेशनल की मांग बढ़ेगी।
ई-रिटेल में विकास की संभावनाओं के कारण लॉजिस्टिक्स सप्लाई चेन मैनेजमेंट और आईटी, आईटीईएस के क्षेत्र में नौकरियों के ज्यादा अवसर हैं। लॉजिस्टिक मैनेजर का काम कंपनी के अन्य ऑफिसर जैसे परचेजिंग ऑफिसर, ट्रांसपोट्र और वेयर हाउस मैनेजर से को-ऑर्डिनेट करना और सामान की सप्लाई को मैनेज करना होता है। इसी ई-रिटेल के क्षेत्र में आईटी और आईटीईएस प्रोफेशनल के लिए भी बेहतर संभावनाएं हैं। आईटी प्रोफेशनल को ई-रिटेल सेक्टर में एप्लीकेशन मैनेजर, लीड सॉफ्टवेयर मॉड्यूलर, सीनियर वेब मॉड्यूलर अौर डेटा डेवलपर जैसे महत्वपूर्ण काम करने होते हैं।
मैनजमेंट और साइंस दोनों स्ट्रीम के छात्रों के लिए अवसर: लॉजिस्टिक्स सप्लाई चेन मैनेजमेंट के सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा और पोस्टग्रेजुएट डिग्री कोर्स विभिन्न संस्थानों मंे मौजूद हैं। 50 फीसदी अंकों के साथ किसी भी स्ट्रीम से 12वीं करने वाले छात्र इसके सर्टिफिकेट या डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं। इसके अलावा किसी भी स्ट्रीम से बैचलर डिग्री करने वाले छात्र इसके पीजी कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं। छात्र एमबीए या सप्लाई चेन मैनेजमेंट के एमएससी कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं। वहीं आईटी से संबंधित कोर्स बैचलर स्तर पर होते हैं। कंप्यूटर साइंस या इससे संबंधित स्ट्रीम से बैचलर डिग्री कोर्स मंे प्रवेश ले सकते हैं।
ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट पर नौकरियों के ज्यादा मौके: इसक्षेत्र में छात्र ट्रैवलिंग या टिकट बुकिंग वेबसाइट, ऑनलाइन और रिटेल वेबसाइट, ऑनलाइन एजुकेशन वेबसाइट, क्लासिफाइड पोर्टल में जॉब कर सकते हैं। इसके अलावा सप्लाई चेन मैनेजमेंट प्रोफेशन अपना सामान ऑनलाइन वेबसाइट के माध्यम से बेचने वाले बड़े रिटेलर्स के यहां भी जॉब कर सकते हैं।
अनुभव के बाद बेहतर हो सकता है पैकेज: अनुभव और पद के अनुसार सैलरी पैकेज अलग-अलग हो सकता है। लॉजिस्टिक्स या सप्लाईचेन मैनेजमेंट के क्षेत्र में कॅरिअर शुरू करने वाले प्रोफेशन को 10 से 15 हजार रुपए प्रति माह का पैकेज मिल सकता है। कुछ वर्षों के अनुभव के बाद सैलरी पैकेज 25 से 30 हजार रुपए प्रति माह का हो सकता है। अाईटी प्रोफेशनल को शुरुआत में 12 से 17 हजार रुपए का सैलरी पैकेज मिल सकता है। कुछ वर्ष के अनुभव के बाद पैकेज 35 से 40 हजार रुपए प्रति माह का हो सकता है।
वाले समय में ग्रोथ देखने को मिलेगी। हाल ही में जारी की गई एक रिपोर्ट के मुताबिक 2020 तक भारत का ई-कॉमर्स करीब 103 अरब डॉलर का होगा। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार इस ग्रोथ की वजह से आने वाले पांच सालों मंे ई-रिटेल और इससे जुड़े हुए क्षेत्रों में करीब 14 लाख नई नौकरियों के अवसर बनेंगे। इससे सबसे ज्यादा लगभग 55 फीसदी नौकरियां लॉजिस्टिक्स और वेयर हाउसिंग के क्षेत्र में होंगी। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि इसमें से करीब 4 लाख नौकरियों में हाई स्किल की मांग होगी। रिपोर्ट के अनुसार ई-रिटेल और ई-कॉमर्स के बढ़ने से आईटी और आईटीईएस के क्षेत्र में भी प्रोफेशनल की मांग बढ़ेगी।
ई-रिटेल में विकास की संभावनाओं के कारण लॉजिस्टिक्स सप्लाई चेन मैनेजमेंट और आईटी, आईटीईएस के क्षेत्र में नौकरियों के ज्यादा अवसर हैं। लॉजिस्टिक मैनेजर का काम कंपनी के अन्य ऑफिसर जैसे परचेजिंग ऑफिसर, ट्रांसपोट्र और वेयर हाउस मैनेजर से को-ऑर्डिनेट करना और सामान की सप्लाई को मैनेज करना होता है। इसी ई-रिटेल के क्षेत्र में आईटी और आईटीईएस प्रोफेशनल के लिए भी बेहतर संभावनाएं हैं। आईटी प्रोफेशनल को ई-रिटेल सेक्टर में एप्लीकेशन मैनेजर, लीड सॉफ्टवेयर मॉड्यूलर, सीनियर वेब मॉड्यूलर अौर डेटा डेवलपर जैसे महत्वपूर्ण काम करने होते हैं।
मैनजमेंट और साइंस दोनों स्ट्रीम के छात्रों के लिए अवसर: लॉजिस्टिक्स सप्लाई चेन मैनेजमेंट के सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा और पोस्टग्रेजुएट डिग्री कोर्स विभिन्न संस्थानों मंे मौजूद हैं। 50 फीसदी अंकों के साथ किसी भी स्ट्रीम से 12वीं करने वाले छात्र इसके सर्टिफिकेट या डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं। इसके अलावा किसी भी स्ट्रीम से बैचलर डिग्री करने वाले छात्र इसके पीजी कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं। छात्र एमबीए या सप्लाई चेन मैनेजमेंट के एमएससी कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं। वहीं आईटी से संबंधित कोर्स बैचलर स्तर पर होते हैं। कंप्यूटर साइंस या इससे संबंधित स्ट्रीम से बैचलर डिग्री कोर्स मंे प्रवेश ले सकते हैं।
ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट पर नौकरियों के ज्यादा मौके: इसक्षेत्र में छात्र ट्रैवलिंग या टिकट बुकिंग वेबसाइट, ऑनलाइन और रिटेल वेबसाइट, ऑनलाइन एजुकेशन वेबसाइट, क्लासिफाइड पोर्टल में जॉब कर सकते हैं। इसके अलावा सप्लाई चेन मैनेजमेंट प्रोफेशन अपना सामान ऑनलाइन वेबसाइट के माध्यम से बेचने वाले बड़े रिटेलर्स के यहां भी जॉब कर सकते हैं।
अनुभव के बाद बेहतर हो सकता है पैकेज: अनुभव और पद के अनुसार सैलरी पैकेज अलग-अलग हो सकता है। लॉजिस्टिक्स या सप्लाईचेन मैनेजमेंट के क्षेत्र में कॅरिअर शुरू करने वाले प्रोफेशन को 10 से 15 हजार रुपए प्रति माह का पैकेज मिल सकता है। कुछ वर्षों के अनुभव के बाद सैलरी पैकेज 25 से 30 हजार रुपए प्रति माह का हो सकता है। अाईटी प्रोफेशनल को शुरुआत में 12 से 17 हजार रुपए का सैलरी पैकेज मिल सकता है। कुछ वर्ष के अनुभव के बाद पैकेज 35 से 40 हजार रुपए प्रति माह का हो सकता है।
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साभार: भास्कर समाचार
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