जीजेयू गैर शिक्षक कर्मचारी कल्याण संघ के प्रधान असिस्टेंट रजिस्ट्रार को विवि प्रशासन ने बैठने के लिए कमरा नहीं दिया तो उन्होंने इसके विरोध का नया तरीका निकाला। वह अपनी कुर्सी छोड़कर बरामदे में रजिस्टर लेकर बैठ काम करने लगे। इसकी सूचना के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन हरकत में आया। इसके महज एक घंटे के बाद ही मौके पर कुलसचिव पहुंचे अौर प्रधान के लिए कमरा खाली करवा व्यवस्था कर दी गई। इसके बाद वह बरामदे से उठ गए और अंदर बैठ काम करने लगे। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। दरअसल, गैर शिक्षक कर्मचारी कल्याण संघ के प्रधान राजबीर सिंह विवि में अस्सिटेंट रजिस्ट्रार के पद पर कार्यरत हैं। पिछले डेढ़ महीने से उनके पास कमरा नहीं था। उनका कहना था कि इसके कारण काम प्रभावित हो रहा है। काम के लिए असिस्टेंट रजिस्ट्रार की ओर से कमरा देने की मांग की गई थी, लेकिन इस बात पर किसी तरह का संज्ञान नहीं लिया गया।
बार-बार कहने के बाद भी कमरा नहीं दिया गया तो आखिरकार प्रधान राजबीर सिंह अन्य कई कर्मचारियों ने गांधीगीरी दिखाते हुए बरामदे में बैठकर काम करना शुरू कर दिया।
संज्ञान लेते हुए दूर कर दी गई है समस्या: नईपोस्ट का कार्यभार देने पहले वाले पद में बदलाव के काम को देखते हुए कमरे की व्यवस्था की जा रही थी, बस इसमें थोड़ा सा वक्त लग गया था, वहीं अब कर्मचारियों की मांग पर संज्ञान लेते हुए कमरा दे दिया गया है। इसलिए अब किसी तरह की समस्या या विवाद नहीं है। -डॉ.अनिल कुमार पुंडीर, कुलसचिव जीजेयू।
प्रधान राजबीर सिंह ने बताया कि बरामदे में जमीन पर बैठने के महज एक घंटे बाद ही एलओ का कमरा खाली करवाकर दे दिया गया। पहले जब मेरे पास कमरा नहीं था तो मुझे दूसरों के कमरों में बैठकर काम करना पड़ता था, ऐसे में मैं कब तक दूसरों के यहां बैठकर काम करता,जबकि अस्सिटेंट रजिस्ट्रार होने के नाते विश्वविद्यालय की ओर से मुझे कमरा दिया जाना चाहिए था।
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साभार: भास्कर समाचार
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