Thursday, July 21, 2016

लाइफ मैनेजमेंट: सिर्फ जॉब हासिल करने के लिए नहीं होती ऊंची शिक्षा

एन. रघुरामन (मैनेजमेंट गुरु)
जो लोग पढ़ाई में बहुत अच्छे होते हैं, वे जॉब के अलावा कोई और कॅरिअर चुनें, यह कम ही सुनने में आता है। अगर हममें से किसी ने आकाश मजूमदार की तरह जीमेट की परीक्षा में टॉप किया होता तो हम किसी ऐसी संस्था में जाने का सपना भी देख रहे होते जिस पर दुनिया को रश्क हो। इस सप्ताह जारी रिजल्ट में आकाश ने
800 में से 770 अंक हासिल किए हैं, जो इस साल भारत में अब तक सर्वाधिक है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। शुरुआती रिपोर्ट में बेंगलुरू की क्राइस्ट यूनिवर्सिटी की एनी मांजिला को जीमेट में टॉप पर बताया गया था, जिन्होंने 760 अंक हासिल किए हैं। लेकिन आकाश का स्कोर बेहतर था, उन्होंने 99 पर्सेन्टाइल हासिल किए हैं। उनका सेट स्कोर 2400 में से 2380 था। उन्होंने अपनी स्कूलिंग कलकत्ता इंटरनेशनल स्कूल से पूरी की। वे हमेशा फर्स्टक्लास फर्स्ट रहे और साथ में हेड बॉय भी। उनकी रुचि पढ़ाई के अलावा संगीत सहित कई अन्य गतिविधियों में हैं। 
जीमेट स्कोर के साथ वे हार्वर्ड, स्टेनफोर्ड और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी सहित दुनिया के किसी भी कॉलेज को चुन सकते हैं। ऑक्सफोर्ड, हार्वर्ड और स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी में प्रवेश के लिए क्रमश: 690, 725, 733 अंकों की जरूरत होती है। जीमेट का यह स्कोर पांच साल के लिए वेलिड रहेगा। अभी उनकी उम्र सिर्फ 19 साल है और अमेरिका की वेंडरबिल्ट यूनिवर्सिटी से स्कॉलरशिप के जरिये अर्थशास्त्र पढ़ रहे हैं। अर्थशास्त्र और गणित के प्रति उनमें स्वाभाविक रुझान है और वे इनके सिद्धांत समस्याएं आसानी से समझ लेते हैं। 
हममें से कई लोगों को लगेगा कि उन पर ईश्वर का आशीर्वाद है और कोर्स पूरा होने के बाद उन्हें कोई बड़ी अंतरराष्ट्रीय संस्था बड़े पैकेज पर ले लेगी। किंतु अगर आप आकाश से पूछें तो उन्हें इन बड़ी यूनिवर्सिटी में से किसी को चुनने की जल्दी नहीं है। पहले वे यह समझ लेना चाहते हैं कि इनमें से कौन सी यूनिवर्सिटी उन्हें सिर्फ प्रोफेशनल एमबीए कोर्स करने में मदद कर सकती है, बल्कि उसे अपना म्यूजिक लेबल कोलकाता में लॉन्च करने में भी सहयोग कर सकती है। हां, आकाश को म्यूजिक का पैशन है और पियानो उनकी जिंदगी है। गणित की समस्याओं को जिस आसानी से आकाश सुलझाते हैं, उसी सहजता से वे पियानो भी बजाते हैं और मानते हैं कि म्यूजिक उनके डीएनए में है। उनका दावा है कि यह उन्हें अपने नानाजी से विरासत में मिला है। 
अकादमिक स्तर पर बहुत अच्छा करने वाले लोगों के लिए म्यूजिक की ओर रुझान कम ही सुनने में आता है। आकाश एसोसिएटेड बोर्ड ऑफ रायल स्कूल ऑफ म्यूजिक और ट्रिनिटि कॉलेज लंदन से ग्रेड 8 सर्टिफाइड पियानोवादक हैं। उनका सपना सिर्फ म्यूजिक लेबल लॉन्च करने का ही नहीं है, वे इसे उन प्रतिभाशाली लोगों के लिए प्लेटफॉर्म भी बनाना चाहते हैं, जिन्हें बहुत ज्यादा सुविधाएं हासिल नहीं हैं। उसका मानना है कि कोई भी चीज उनके म्यूजिक पैशन की बराबरी नहीं कर सकती। एक बात उनके दिमाग में बिल्कुल साफ है कि जो भी अकादमिक ज्ञान हासिल किया है उसे अपना म्यूजिक लेबल स्थापित करने में इस्तेमाल करेंगे। इसका मतलब यह नहीं है कि वे भविष्य में नौकरी नहीं करेंगे, लेकिन वे यह बात जानते हैं कि शिक्षा और अपने पैशन को लेकर उसे क्या करना है। इस उम्र में इतनी स्पष्ट सोच आकाश को भीड़ से अलग करती है। युवा अक्सर मानते हैं कि उच्च शिक्षा उन्हें अपने सपनों का जॉब दिलाती है। यह असल में खुद में छिपी संभावनाओं और पैशन को समझने की खिड़की भी है। जॉब और अपने पैशन के पीछे जाने जैसे कई विकल्प मौजूद कराती है। जो सबसे ज्यादा आपको सूट करे उसे चुनना चाहिए। 
फंडा यह है कि उच्चशिक्षा से विवेक जागृत करें। यह आपको जीवन में सर्वश्रेष्ठ को चुनने और अपने पैशन को फॉलो करने में मददगार होगा। 

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साभारजागरण समाचार 
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