Wednesday, July 6, 2016

नई शुरुआत: नैतिक शिक्षा में पढ़ेंगे गीता, महापुरुषों की जीवनियां और योग

हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी से संबंधित स्कूलों में छठीं से 12वीं कक्षा तक विद्यार्थी नैतिक शिक्षा के साथ गीता का पाठ भी पढ़ेंगे। छठीं से 10वीं कक्षा तक जहां नैतिक शिक्षा की किताब में गीता के अध्यायों को शामिल किया गया है। वहीं 11वीं 12वीं कक्षा की पुस्तक में योग कर्मसु कौशलम अष्टादश श्लोक गीता नाम से पाठ दिए गए हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। मंगलवार को कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के श्रीमद भगवद् गीता सभागार में हिमाचल के राज्यपाल डाॅ. देवव्रत आचार्य, शिक्षामंत्री रामबिलास शर्मा, कृषिमंत्री ओमप्रकाश धनखड़, आचार्य बालकृष्ण योगी और स्वामी ज्ञानानंद ने नैतिक शिक्षा की पुस्तकों का विमोचन किया। पुस्तकों के विमोचन से पहले शिक्षामंत्री रामबिलास शर्मा ने मंच से कहा कि जब गीता को पाठ्यक्रम में शामिल करने का फैसला लिया तो उसे सराहना भी मिली और विरोध का सामना भी करना पड़ा। इसके बावजूद उन्होंने गीता को पाठ्यक्रम में शामिल करने का प्रण लिया था, जो आज पूरा हो गया।
नैतिक शिक्षा की पुस्तक में योगासन एवं प्राणायाम को भी पाठ के रूप में शामिल किया गया है। यह शुरुआत 11 साल बाद फिर से हुई है। छठी कक्षा में वज्रासन, सर्वांगासन, पद्मासन, अनुलोम विलोम, भ्रामरी प्राणायाम को करने के तरीके उनके लाभ बताए गए हैं। सभी कक्षाओं की पुस्तकों में पहला पाठ वंदना का रखा गया है। वहीं सातवीं कक्षा की पुस्तक में योग के साथ ही चंद्रशेखर आजाद, आर्यभट्ट और मदर टेरेसा की जीवनी दी गई हैं। वहीं आठवीं कक्षा की पुस्तक में रानी दुर्गावती, भास्कराचार्य, उधम सिंह और गुरुपर्व के बारे में पाठ हैं। 11वीं कक्षा की पुस्तक में महारानी अहिल्याबाई होलकर, सीवी रमन, भगवान महावीर, वीर सावरकर, अशफाक उल्ला खां और डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की जीवनी दी गई हैं। 12वीं कक्षा की पुस्तक में स्वच्छता को लेकर पाठ दिया गया। इसके साथ ही डॉ. जगदीश चंद्र बसु, महात्मा बुद्ध, मदन लाल ढींगरा, गोस्वामी तुलसीदास, लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल, क्रांतिकारी करतार सिंह सराबा और हेमचंद्र विक्रमादित्य की जीवनी दी गई हैं। 
शिक्षामंत्री रामबिलास शर्मा ने कहा कि नैतिक शिक्षा सभी के लिए जरूरी है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों में कम होती नैतिकता को बढ़ावा देने के लिए नैतिक शिक्षा को विषय के रूप में लागू किया जा रहा है। वहीं, हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल डॉ. देवव्रत आचार्य ने कहा कि पढ़ाई के साथ-साथ विद्यार्थियों को नैतिकता सिखाना बहुत जरूरी है। नैतिकता ना सिखाने के कारण स्कूलों में बच्चे पढ़ तो रहे हैं लेकिन उनमें मानवता की भावना खत्म हो रही है।

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साभार: भास्कर समाचार 
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