कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के दूरवर्ती शिक्षा निदेशालय से डिग्री करने के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए अच्छी खबर है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने कुवि के 35 पाठयक्रमों को दो वर्षो के लिए मान्यता प्रदान की है। कुवि के कुलपति डॉ. कैलाश चंद्र शर्मा व कुलसचिव डॉ. प्रवीण कुमार सैनी ने इसके लिए दूरवर्ती शिक्षा निदेशालय के
निदेशक प्रो. रजनीश शर्मा व उनकी टीम को बधाई दी है। मंगलवार को दूरवर्ती शिक्षा निदेशालय के निदेशक प्रो. रजनीश शर्मा ने कुलपति को यूजीसी की ओर से भेजे गए अप्रूवल सर्टिफिकेट की प्रति सौंपी। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। दूरवर्ती शिक्षा निदेशालय के निदेशक प्रो. रजनीश शर्मा ने बताया कि यूजीसी की ओर से 8 जुलाई को मान्यता संबंधी पत्र मिला है। कुवि के दूरवर्ती शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों की 21 मार्च 2016 को यूजीसी के अधिकारियों के साथ बैठक हुई थी, जिसमें कुवि ने अपने विभिन्न पाठयक्रमों के बारे में एक प्रजेंटेशन दिया था। इन पाठ्यक्रमों में बीए तीन वर्षीय, बीकॉम तीन वर्षीय, एमए हिंदी, एमए अंग्रेजी, एमए संस्कृत, एमए राजनीति शास्त्र, एमए पंजाबी, एमए दर्शनशास्त्र, एमए लोक प्रशासन, एमए इतिहास, एमए अर्थशास्त्र, एमएससी गणित, एमएससी भूगोल, एमकाम, सर्टिफिकेट कोर्स इन कंप्यूटर, बीसीए, पीजीडीसीए, एमएससी कंप्यूटर साइंस, एमसीए, डीआइएम, पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन एक्सपोर्ट मैनेजमेंट, एमबीए, एमबीएएचएम, डिलीब, बीलीब, एमलीब, पीडीडीजेएमसी, एमए जनसचार, बीएड, एमए एजुकेशन, पीजीडीईई, एमए पर्यावरण विज्ञान, सर्टिफिकेट कोर्स इन उर्दू, पीजी डिप्लोमा ट्रांसलेशन व एलएलएम शामिल हैं।
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साभार: जागरण समाचार
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