Wednesday, July 8, 2015

स्थायी मान्यता के लिए निजी स्कूलों को कुछ समय और

अस्थायी मान्यता व अनुमति प्राप्त निजी स्कूलों को प्रदेश सरकार ने बड़ी राहत दी है। स्थायी मान्यता हासिल करने के लिए स्कूलों को एक वर्ष का समय दे दिया गया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के पदाधिकारियों की यहां हुई बैठक में इस पर सहमति बनी। मुख्यमंत्री ने स्कूल शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों को अस्थायी मान्यता प्राप्त स्कूलों के स्थायी मान्यता के मामले को
निपटाने के लिए कमेटी गठित करने का निर्देश दिया है। एक वर्ष की मोहलत मिलने पर 5700 निजी स्कूल इस शैक्षणिक सत्र में दाखिला व अन्य गतिविधियां सुचारू रूप से चला सकेंगे। स्थायी मान्यता न होने के कारण स्कूल शिक्षा बोर्ड अस्थायी मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों के फार्म जमा करने से मना कर चुका था। इससे स्कूल संचालक काफी चिंतित थे। उन्होंने 7 जुलाई से भिवानी से आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी थी। सरकार ने मामला छात्रों के हितों से जुड़ा होने के कारण मंगलवार को ही फेडरेशन पदाधिकारियों को बैठक के लिए बुला लिया। फेडरेशन की तरफ से प्रदेश सचिव विजय टटोली ने स्कूल संचालकों का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने स्कूलों को राहत देने की मांग उठाई। आधा घंटा चली बैठक में कई बार उन्होंने मांगों को दोहराया। इस पर मुख्यमंत्री ने एक साल का समय देते हुए उसी समय शिक्षा विभाग के अधिकारियों को फोन पर उचित दिशा निर्देश दिये। फेडरेशन के प्रधान कुलभूषण शर्मा और सचिव विजय टटोली ने बताया कि प्रदेश के करीब 5700 निजी स्कूलों ने स्थायी मान्यता के लिए आवेदन कर रखा है। विभागीय अधिकारियों द्वारा स्कूलों का निरीक्षण न करने से मान्यता संबंधी फैसला लटका हुआ है। स्कूलों में हजारों छात्र पड़ रहे हैं और बोर्ड 10वीं व 12वीं के बच्चों का दाखिला फार्म जमा नहीं कर रहा। राज्य सरकार को इस पर स्थायी रूप से विचार करना होगा। बैठक में फेडरेशन की तरफ से कुलदीप सापला, सतबीर पटेल, पुरुषोत्तम शर्मा, वजीर ढांडा, राजेश मोर, सुशील शर्मा, एएस महाजन, बंसी लाल कपूर, ओम प्रकाश, कर्म सिंह, जोगिंद्र ढुल और कुलदीप पुनिया मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री के फैसले से निजी स्कूलों को राहत:फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष कूलभूषण शर्मा ने अस्थायी मान्यता व अनुमति प्राप्त स्कूलों को राहत देने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल का आभार जताया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के आदेश पर बनने वाली कमेटी भी स्कूल संचालकों की मजबूरियों को ध्यान में रखते हुए स्थायी मान्यता के साथ अन्य मामलों में राहत देगी। 
साभार: जागरण समाचार 
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