Saturday, September 10, 2016

डॉक्टरों के हुए ऑनलाइन तबादले; HCMA को कड़ा एतराज

हरियाणा मेडिकल सर्विस एसोसिएशन (एचएमएसए) के विरोध के बावजूद सरकार ने 482 डाक्टरों के ऑनलाइन तबादले कर दिए। इनमें 42 सीनियर मेडिकल ऑफिसर और 440 मेडिकल ऑफिसर शामिल हैं। तबादले रेशनेलाइजेशन एवं चिकित्सकों द्वारा किए गए ऑनलाइन आवेदनों के आधार पर किए गए हैं।
एसोसिएशन ने मांग की थी कि ऑन लाइन तबादले नहीं होने चाहिए। अब 11 सितंबर को करनाल में होने वाली एसोसिएशन की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा होगी। सरकार पर दबाव बनाने के लिए डॉक्टर सामूहिक इस्तीफे की पेशकश कर सकते हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। 
एसोसिएशन के प्रधान डॉक्टर जसबीर परमार ने कहा कि सरकार ने तबादले गलत तरीके से किए हैं। इसमें तो डॉक्टरों का डाटा ही अपडेट किया गया। नारनौल सोनीपत में तो एक भी डॉक्टर नहीं रहा। पंचकूला से 40 डॉक्टर बदल दिए गए हैं। कपल केस का भी ध्यान नहीं रखा गया। अम्बाला में ऐसे डॉक्टर का नाम भी तबादला सूची में है जिन्होंने स्वेच्छिक रिटायरमेंट ले रखी है। कुछ जिलों में नौकरी छोड़ चुके या लंबे अवकाश पर चल रहे डॉक्टरों के नाम भी तबादला लिस्ट में डाल दिए गए हैं। ऐसा पहली बार हुआ है कि इतनी बड़ी संख्या में डॉक्टरों का नियमों के विरुद्ध तबादला किया गया है। इसमें कपल केस को भी कंसीडर नहीं किया गया। पत्नी को छोड़ दिया, पति को दूर भेज दिया या पति को छोड़ कर पत्नी को दूर भेज दिया। पीजीआई में तीन साल के लिए पढ़ाई कर रहे डॉक्टरों के नाम भी तबादले में शामिल हैं। दो महीने से दो साल पहले नियुक्ति पाने वाले डॉक्टर शामिल हैं। 
एचसीएमएस अध्यक्ष ने कहा कि डॉक्टरों का एक दल स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से मिला था। उस समय उन्होंने इसे ट्रायल बताते हुए तबादला नहीं किए जाने का आश्वासन दिया था। अब तबादला सूची जारी कर दी गई है। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि सॉफ्टवेयर से पहली बार तबादले हुए। यह नया सिस्टम है। इसमें कुछ खामियां हो सकती है। इसे दूर करेंगे। इसके साथ ही कपल केस पर भी जल्द विचार किया जाएगा। जो डॉक्टर तबादलों को गलत बता रहे हैं, दरअसल वे एक ही जगह काफी समय से जमे हुए थे। हम ऐसा सिस्टम बना रहे हैं, जिसमें हर डॉक्टर का तबादला एक प्रक्रिया से ही होगा। इसमें किसी तरह की सिफारिश नहीं चलेगी। जहां तक लंबे अवकाश पर रहने वाले डॉक्टरों का सवाल है, क्योंकि अभी उनके खिलाफ कार्यवाही नहीं हुई, इसलिए उनका भी तबादला कर दिया गया है। 
नौकरी छोड़ने की तैयारी में डॉक्टर: प्रदेश में डॉक्टरों की पहले ही कमी है। इस पर भी सरकार उन्हें परेशान करने के लिए इस तरह के फरमान जारी कर रही है। डॉक्टरों की पेन डाउन हड़ताल से नाराज होकर सरकार ने यह तबादले किए हैं। सरकार का मकसद एसोसिएशन की 11 सितंबर को करनाल में होने वाली बैठक को फेल करना है। यही हाल रहा तो सरकारी अस्पताल खाली हो जाएंगे। तबादला निर्देश के बाद अनेक डॉक्टर नौैकरी छोड़ने का मन बना रहे हैं। सभी विरोध स्वरूप सामूहिक इस्तीफा भी दे सकते हैं। करनाल बैठक में डॉक्टर हरियाणा बंद करने का फैसला भी ले सकते हैं। - डॉ.दिनेश गर्ग, कोषाध्यक्ष, एचसीएमएस। 
डॉक्टर हैं 2000, जरूरत 6000 की: प्रदेश सरकार डॉक्टरों की भर्ती करने के बजाय इस तरह तबादलों से काम चलाने का प्रयास कर रही है। एक जिले से डॉक्टर दूसरे में भेज कर कमी पूरी नहीं की जा सकती। प्रदेश में छह हजार डॉक्टरों की जरूरत है, जबकि हैं सिर्फ दो हजार। इनमें से भी 400 डॉक्टर प्रशासनिक पदों या अवकाश पर हैं। ऐसे में महज 1600 डॉक्टर प्रदेश की आबादी को स्वास्थ्य लाभ दे रहे हैं। सरकार डॉक्टरों को अच्छा वेतन, भत्ते, सुविधाएं काम का माहौल दें, ताकि वे सरकारी अस्पतालों में टिक सकें। - डॉ.शील कांत पजनी, उपप्रधान, एचसीएमएस। 
स्वास्थ्य मंत्री का दावा, रिटायर्ड डॉक्टरों को दोबारा रखेंगे: डॉक्टरों की रिटायरमेंट की उम्र को लेकर चल रहे विवाद को शांत करने के लिए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि केंद्र ने जब से डॉक्टरों की रिटायरमेंट उम्र बढ़ाने का निर्णय लिया है, प्रदेश में भी यह निर्णय तभी से लागू किया जाएगा। वित्त विभाग की कुछ आपत्तियों की वजह से रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने का निर्णय प्रदेश में लागू नहीं हो पाया। लेकिन इस अवधि में जितने भीडॉक्टर रिटायर हुए, उन्हें इस निर्णय के लागू होने के बाद दोबारा रख लिया जाएगा। 62 डॉक्टर रिटायर हुए हैं। 
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साभार: भास्कर समाचार 
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