Saturday, September 17, 2016

अब कच्चे कर्मियों की लड़ाई लड़ेगा सर्व कर्मचारी संघ

हरियाण के कच्चे कर्मचारियों के नियमित होने पर लगी रोक हटवाने के लिए सरकार पर दबाव बढ़ गया है। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के अध्यक्ष धर्मबीर फौगाट और महासचिव सुभाष लांबा ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पत्र लिखकर हाईकोर्ट में कच्चे कर्मचारियों की दमदार पैरवी का आग्रह किया है। बता दें कि प्रदेश में करीब 30
हजार कर्मचारी ऐसे हैं, जो अगले एक दो साल में पक्के होने वाले थे, लेकिन पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की डबल बेंच ने इस पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट के अंतरिम आदेशों से अब इन कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। हाईकोर्ट के आदेश का उन पांच हजार कर्मचारियों पर भी असर पड़ेगा जो 28 मई 2014 को नियमित हो चुके हैं। वहीं करीब डेढ़ हजार कर्मचारी देर-सबेर पक्के होने वाले थे। 
सरकार ने 18 जून 2014 में कच्चे कर्मचारियों को नियमित करने की अधिसूचना जारी की थी। योगेश त्यागी ने सरकार की इस अधिसूचना को चुनौती दी थी, जिस पर दो सितंबर 2016 को हाईकोर्ट की डबल बेंच ने अंतरिम आदेश जारी कर कच्चे कर्मचारियों को नियमित करने पर रोक लगा दी।
हाईकोर्ट के इस फैसले से वह कर्मचारी भी प्रभावित होंगे, जिनके 31 दिसंबर 2018 में 10 साल पूरे होने थे और वह पक्के होने वाले हैं। इनमें करीब 14 हजार अतिथि अध्यापक, साढ़े तीन हजार बिजली कर्मचारी और 9 हजार राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कर्मचारी शामिल हैं। हाईकोर्ट का फाइनल निर्णय आने के बाद नियमित हो चुके कर्मचारियों को फिर से कच्चा माना जा सकता है। सर्व कर्मचारी संघ के प्रधान धर्मबीर फौगाट और महासचिव सुभाष लांबा ने मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में कहा कि 10 दिसंबर 2015 को इस मुद्दे पर सरकार के साथ बातचीत हुई थी, लेकिन इसके बाद भी कर्मचारियों की अदालत में मजबूत पैरवी नहीं की गई है। लांबा और फौगाट ने कहा कि हाईकोर्ट का फाइनल निर्णय आना बाकी है, लेकिन हजारों कर्मचारियों में मायूसी बनी हुई है। ऐसे में राज्य सरकार को हाईकोर्ट में इन कर्मचारियों की मजबूत पैरवी करते हुए अंतरिम आदेश को निरस्त कराने की दिशा में गंभीर प्रयास करने चाहिए।
बिजली के ठेका कर्मियों के समर्थन में राष्ट्रीय आंदोलन: इलेक्टिीसिटी इंप्लाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया ने केंद्र, राज्य और प्राइवेट सेक्टर में ठेका प्रथा को समाप्त कराने की मांग को लेकर 25 अक्टूबर को अखिल भारतीय ठेका समाप्त दिवस मनाने का निर्णय लिया है। इसके तहत राष्ट्रीय व राज्य स्तर पर बिजली कर्मचारियों द्वारा धरने, प्रदर्शन किए जाएंगे और आक्रोश रैलियां निकाली जाएंगी। फेडरेशन के महासचिव पीएन चौधरी, उपाध्यक्ष देवेंद्र हुड्डा व सचिव सुभाष लांबा ने बताया कि 19 राज्यों का अध्ययन किया गया है। यहां 22 लाख बिजली कर्मचारी व मजदूर काम करते हैं। केवल 10 लाख नियमित कर्मचारी हैं और बाकी 12 लाख ठेका आधार पर काम करते हैं।
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साभारजागरण समाचार 
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