Sunday, September 18, 2016

ये कुछ बातें कभी नहीं कहते कामयाब लोग; भाषा भी बनाती है इन्हें 'ख़ास'

सफलता अचानक रातोंरात नहीं मिलती। इसमें काफी मेहनत, समय और समर्पण लगता है। जिससे एक चरित्र बनता है। सफल लोगों की एक भाषा होती है, जिसमें कुछ वाक्यों का कोई स्थान नहीं होता- "जैसे मुझे अपना काम पसंद नहीं है या मैं अपने काम से नफरत करता हूं।' भले ही कार्यस्थल पर जिस भी तरह की चुनौती या
स्थिति हो वे कभी उसके बारे में नकारात्मक बात नहीं कहते। इसी तरह वे कभी यह शिकायत भी नहीं करते कि यह ठीक नहीं है। "मैं जो डिजर्व करता था वो नहीं मिला।' वे बेवजह की तुलनाओं और आलोचनाओं में नहीं पड़ते। प्रोडक्टिव और सफल लोग यह नहीं कहते कि "यह मेरा काम नहीं है। इस काम की तनख्वाह नहीं मिलती मुझे।' इस बात को वारेन बफे के एक कोट से बेहतर तरीके से समझा जा सकता है। उन्होंने कहा था कि आज अगर कोई किसी पेड़ की छांव में बैठा है तो इसका कारण यह है कि किसी ने कई सालों पहले यह पेड़ लगाया था। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। इसलिए सिर्फ स्वार्थ नहीं भविष्य और नई पीढ़ी के लिए भी काम करने से लीडर पीछे नहीं हटते हैं। सफल लोग अच्छी तरह जानते हैं कि सीमाएं सिर्फ दिमाग में होती हैं। इसलिए वो कभी यह नहीं कहते कि "यह असंभव है। हो ही नहीं सकता।' असंभव जैसे नकारात्मक शब्दों का इस्तेमाल ये कभी नहीं करते। वे यह भी नहीं कहते कि "मेरे पास इसके अलावा कोई विकल्प नहीं था।' 
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार 
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