Sunday, September 11, 2016

आंखों में भी मुस्कान लानी हो तो मन को रखिये शांत

एन. रघुरामन (मैनेजमेंट गुरु)
आप सबको एंकर कमेडियन कपिल शर्मा के साथ हाल में हुई घटना का पता होगा। उन्हें मुंबई के अपने ऑफिस के लिए मंजूरी चाहिए थी और महानगर पालिका के किसी अधिकारी ने इसके लिए उनसे पांच लाख रुपए मांग
लिए। उन्होंने गुस्से में आकर इसे ट्वीट करते हुए प्रधानमंत्री को टैग कर दिया। कपिल के ट्वीट में लिखा था, मैं पिछले पांच वर्षों से 15 करोड़ रुपए आयकर भर रहा हूं और फिर भी मुझे अपने ऑफिस के लिए बीएमसी अधिकारी को रिश्वत में पांच लाख रुपए देना होंगे। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। @narendramodi' उनके 62.40 लाख फालोअर्स में से एक ने प्रधानमंत्री पर तंज किया, 'ये हैं आपके अच्छे दिन? @narendramodi' उसका इशारा मोदी के 2014 के चुनावी नारे की ओर था। 

पोस्ट वायरल हो गई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री फडणवीस ने ट्वीट करके उनसे कार्रवाई करने के लिए अधिक ब्योरा देने को कहा। महानगर पालिका ने कपिल के ऑफिस में अवैध निर्माण का आरोप लगाया। विपक्ष भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार पर टूट पड़ी कि सेलेब्रिटी की शिकायत पर तो तत्काल ध्यान दिया गया, जबकि इसी प्रकार की रिश्वत की मांग का रोज सामना करने वाले आम मुंबईकर की उपेक्षा कर दी जाती है। शिवसेना ने कपिल शर्मा को धमकी दी कि यदि उन्होंने 48 घंटे में अपना आरोप साबित नहीं किया तो उनकी शूटिंग रोक दी जाएगी। 
मेरे और कपिल के जो साझा मित्र हैं तथा जो ट्विटर विवाद के बाद शुक्रवार-शनिवार को उनसे मिले थे उन्होंने मुझे बताया, 'कपिल दिनभर बहुत तनाव में रहे,' मैंने आगे जानना चाहा 'क्या आपके कहने का आशय यह है कि वे मुस्कराए नहीं?' मेरे मित्र ने कहा, 'नहीं, ऐसी बात तो नहीं थी, लेकिन उनकी मुस्कान में कोई चीज गायब थी, जो स्वाभाविक ही था।' फिर मैंने पूछा, 'क्या तुम यह कहना चाहते हो कि उनकी आंखें नहीं मुस्करा रही थीं।' दोस्त ने हां कुछ ऐेसे अंदाज में कहा जैसे उसने किसी चीज का आविष्कार कर लिया हो। 
मैं फ्लैश बैक में चला गया। अठारह साल पहले पत्नी से मेरा झगड़ा हुआ था और मैं बिना नाश्ता किए दफ्तर चला गया। वजह यह थी कि एक अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल आने वाला था और मेरी पत्नी देर कर रही थी। यह मुलाकात मात्र एक घंटे में मेरे आर्गनाइजेशन के हित में खत्म हो गई, मैं खुश था और तब मुझे पत्नी के प्रति अपने रूखे व्यवहार पर दुख हुआ। ये वे दिन थे जब इनकनिंग कॉल के भी पैसे लगते थे। अचानक मेरे लैंडलाइन की घंटी बजी। पत्नी का फोन था और मैंने ईश्वर को धन्यवाद दिया कि उसने मुझे उसे पश्चाताप सांत्वना की बातें करने का मौका दिया। किंतु उसने मुझे यह मौका नहीं दिया। उसने पूछा, 'आज तारीख क्या है?' जब मैंने कहा कि 7 सितंबर तो उसने फोन रख दिया। मेरा दिमाग पूरी रफ्तार से दौड़ने लगा। क्या कोई तारीख भूल गया हूं, सालगिरह, परिवार के किसी सदस्य का जन्मदिन, खासतौर पर ससुराल पक्ष में किसी का, ईएमआई, बीमा के भुगतान या दोनों तरफ के बुजुर्गों से जुड़ी कोई बात। मुझे कुछ याद नहीं आया। 
अगले तीन घंटे तक हर कोई मेरे विचित्र व्यवहार को महसूस कर सकता था। पहेली अनसुलझी रह गई। मैं बेटी के स्कूल से आने का इंतजार करने लगा कि फोन करके पूछ सकूं। वह जब भी घर पर होती है तो मेरा फोन जरूर उठा लेती है। मेरा पहला प्रश्न था, 'तुम्हारी मां कहां है?' उसने कहा, 'किचन में।' मैंने फिर पूछा, 'तुम्हारी मां का मूड कैसा है?' उसने बेबाकी के साथ तीन शब्द कहे, 'आपकी पत्नी, ठीक है, खराब नहीं है।' फिर मैंने पूछा, 'क्या वे कोई मिठाई, पायसम या मैसूर पाक बना रही है?' उसने कहा, 'नहीं, डैडी पर आप ऐसी बातें क्यों कर रहे हैं?' मैंने उसे बताया कि उसकी मां ने अचानक दफ्तर में फोन करके आज की तारीख पूछी। उसने तपाक से जवाब दिया, 'अरे, इसलिए क्योंकि मैंने स्कूल जाते समय डेट कैलेंडर में दो तारीखें ज्यादा फाड़ दी थी।' और फिर कहा, 'अब फोन रख दीजिए, मेरे कार्टून देखने के समय में फालतू बातें कर रहे हैं।' इसके पहले कि मैं उसे सॉरी कहता, उसने फोन रख दिया। 
मेरी आंखों में उन कुछ घंटों के लिए मुस्कान गायब हो गई थी। ब्लड प्रेशर तनाव कुछ अंकों से बढ़ गया था, वह अलग। तब से मैं हमेशा यह सुनिश्चित करता हूं कि घर से शांति के साथ निकलूं। 
फंडा यह है कि यदिआप चाहते हैं कि आपके ओठों के साथ आपकी आंखों में भी मुस्कान दिखाई दे तो अपने मन की शांति सुनिश्चित करें।
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com

साभार: भास्कर समाचार 
For getting Job-alerts and Education News, join our Facebook Group “EMPLOYMENT BULLETIN” by clicking HERE. Please like our Facebook Page HARSAMACHAR for other important updates from each and every field.