Monday, September 12, 2016

हत्यारी माँ: मोबाइल पर खोजती थी बेटा पैदा करने के तरीके, बेटी हुई तो चार महीने बाद चाकू से गोदकर लाश छुपा दी AC बॉक्स में

बेटे की चाह में एक पढ़ी-लिखी मां और करोड़पति परिवार की बहू द्वारा चार माह की बेटी की हत्या का मामला सुर्खियों में है। उसने चाकू से 16 बार वार कर बच्ची की जान ले ली थी। टुकड़ों में खबरें आती रही हैं। दिल दहला देने वाली इस घटना की पहली बार पढ़िए पूरी कहानी:
जयपुरके शास्त्री नगर में रहने वाले गोयल परिवार में
20 से ज्यादा सदस्य हैं और सब एक साथ इसी घर में रहते हैं। नेहा भी अपनी 8 साल और 4 महीने की दो बच्चियों के साथ रहती थी। परिवार की मानें तो नेहा गोयल परिवार की सबसे हंसमुख सदस्य है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। दिल्ली यूनिवर्सिटी से इंग्लिश में ग्रेजुएट नेहा के पिता भी नामी बिजनेसमैन थे। 11 साल पहले उसकी शादी जयपुर के राकेश गोयल से हुई थी। शादी के तीन साल बाद उसने बेटी को जन्म दिया था। बेटे को जन्म देने के लिए पिछले साल उसने घर में हवन भी कराया था। पूछताछ में ही पता चला कि चार महीने की जिस बच्ची को उसने मारा, वो उसकी चौथी संतान थी। दो बच्चे तो गर्भ के दौरान ही खराब हो गए थे। जब से चौथी बच्ची हुई, नेहा उसे बिलकुल भी पसंद नहीं करती थी। वो उसे अपने पास भी नहीं सुलाती थी। उसने बच्ची को पहले भी मारने की कोशिश की थी। 21 अगस्त को नेहा ने बच्ची का गला दबा दिया था। लेकिन अचानक से पति गए। बच्ची को रोता देख पूछा कि क्या हुआ, तो नेहा ने यह कहकर बात टाल दी कि गले में कुछ अटक गया था...अभी ठीक है। इसके बाद बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल से आने के बाद भी बच्ची को नौकरानी के पास ही सुलाया जाता था। लेकिन घटना वाली रात उसने बच्ची को अपने पास सुलाया और रात में जब सब सो गए, नेहा ने चाकू से बच्ची की गर्दन पर 16 वार कर उसे मार डाला। इसके बाद कंबल में लपेटकर घर की तीसरी मंजिल पर पहुंची और एसी के बॉक्स में उसे छिपा दिया। उसकी करतूत किसी को पता चले, इसलिए उसने घर में लगे सभई 16 सीसीटीवी कैमरे 15 मिनट के लिए स्विच ऑफ कर दिए थे। फिर करीब डेढ़ घंटे बाद खुद ही शोर मचाया कि कोई बच्ची को उठा ले गया। खोजबीन के दौरान ही जेठानी ने एसी के डिब्बे में लहूलुहान कम्बल देखा तो माही के मरी पड़ी होने का पता चला। तत्काल पुलिस को खबर की। पुलिस ने घटना के वक्त घर में मौजूद 9 सदस्यों से पूछताछ की। पुलिस ने घर में मौजूद सभी सदस्यों के हाथों की जांच की। मां नेहा, दो नौकरों के हाथों पर खून के निशान थे। बाथरूम में भी खून के निशान मिले। इनकी एफएसएल जांच की गई। जिन नौकरों के हाथों पर खून के निशान थे, वो बच्ची को अस्पताल लेकर गए थे, लेकिन नेहा के हाथ पर और बाथरूम में खून के निशान पाए जाने पर पुलिस का शक मां पर गया। पुलिस ने इसके बाद नेहा के मोबाइल की तलाशी ली। मोबाइल में सारा डाटा डिलीट था। पुलिस ने साइबर शाखा से डाटा रिकवर कराया तो पता चला कि नेहा अकसर मोबाइल पर बेटा पैदा करने के तरीके और दवाइयों के बारे में गूगल सर्च करती थी। इससे पुलिस का शक पक्का हो गया। पुलिस ने नेहा के साथ सख्ती से पूछताछ की तो वह टूट गई। गुनाह कबूल करते हुए उसने कहा-हां, मैंने ही बेटी को मारा है। 
बेटा चाहिए था, इसीलिए बेटी को मार डाला: पुलिस के मुताबिक पूछताछ में नेहा ने बताया- उसे एक बेटी और एक बेटा चाहिए था। पहले बेटी हो चुकी थी और बेटे के लिए अनुष्ठान कराया था। बेटा होने की पूरी उम्मीद थी लेकिन फिर बेटी हो गई। जेठानी और देवरानी के एक-एक लड़का है। राखी वाले दिन ख्याल आया कि बेटा होता तो बड़ी बेटी उसके राखी बांधती। अगले ही पल उसने तय किया, वह माही को मार डालेगी। परिवार दोषी नहीं है: क्योंकि गोयल परिवार पढ़ा-लिखा और संपन्न परिवार है। जब घर में बेटे के लिए हवन कराया जा रहा था तो किसी ने कोई आवाज क्यों नहीं उठाई? क्या बेटे की चाह की मानसिकता के पीछे परिवार का दबाव था? भरा पूरा परिवार है गोयल परिवार। यहां दादा-दादी, बेटे-बेटियां, पोते-पोती सभी। फिर यह मासूम माही नौकरानी पास क्यों सोती रही? किसी ने मां से सवाल क्यों नहीं किया? दादा ने, जो बहू को सबसे हंसमुख बता रहे हैं। पढ़ी लिखी बता रहे हैं। ताऊ-ताई ने, पिता ने, किसी ने भी नहीं समझाया।
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साभार: भास्कर समाचार 
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