Wednesday, September 14, 2016

विडम्बना: 40 साल पुरानी जर्जर इमारतों में मौत के साये में पढ़ रहे बच्चे

हरियाणा के सरकारी स्कूलों में बच्चों का जीवन कतई सुरक्षित नहीं है। लगभग साढ़े 11 हजार सरकारी स्कूल ऐसे हैं, जिनके भवन 40 साल से अधिक पुराने हो चुके हैं। इनमें चार दर्जन स्कूल तो ऐसे हैं, जो कभी गिर सकते हैं। इनेलो विधायक रणबीर सिंह गंगवा ने राज्य के सरकारी स्कूलों की दयनीय हालत का मुद्दा विधानसभा में
उठाया तो सरकार को आंकड़े सार्वजनिक करने पड़े। प्रदेश में 14 हजार 356 सरकारी स्कूल हैं। इनमें प्राइमरी स्कूलों की संख्या 8950, सीनियर सेकेंडरी स्कूल 1612, हाई स्कूल 1393 और मिडिल स्कूलों की संख्या 2401 है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। आपको जानकर ताज्जुब होगा कि 14 हजार 356 स्कूलों में से 11 हजार 368 स्कूल ऐसे हैं, जिनके भवन कंडम हो चुके। इन स्कूलों के भवन को बने 40 साल से अधिक हो गए, फिर भी बच्चे उनमें जान हथेली पर रखकर पढ़ाई कर रहे हैं। 17 सीनियर सेकेंडरी स्कूल और 29 प्राथमिक-माध्यमिक स्कूल ऐसे हैं, जो कभी भी गिर सकते हैं। यानि यहां बच्चों का पढ़ना-लिखना खतरे से खाली नहीं है।
राज्य के मात्र तीन हजार स्कूल ऐसे बचे, जिन्हें डेंजर (खतरे वाले) जोन से बाहर रखा जा सकता है। बाकी बचे साढ़े 11 हजार स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों और कर्मचारियों का जीवन भी सुरक्षित नहीं माना जा सकता है। विधानसभा में मुद्दा उठा तो सरकार ने इन स्कूलों की हालत में सुधार के लिए प्रतिबद्धता जताई है। अधिक खराब स्कूलों की मरम्मत के लिए सरकार ने बजट का प्रावधान किया है।
स्कूलों की हालत बेहद दयनीय है। अधिकतर स्कूलों की चहारदीवारी नहीं है तो कमरों का अभाव बना हुआ है। जो कमरे हैं, वे कभी भी गिर सकते हैं। स्कूलों में बरसात के दिनों में जलभराव बड़ी समस्या है। सरकार को इस समस्या के समाधान की दिशा में गंभीरता से सोचना चाहिए। - रणबीर सिंह गंगवा, विधायक नलवा (हिसार)
शिक्षा विभाग ने जिला स्तरीय कंडोनेशन कमेटी के माध्यम से जीर्ण-शीर्ण भवनों को कंडम घोषित करने की प्रक्रिया आरंभ कर दी है। वर्ष 2015-16 के दौरान अतिरिक्त कमरे बचाने तथा विद्यालयों के भवनों की मरम्मत तथा रखरखाव के लिए हमारी सरकार ने 120 करोड़ 13 लाख रुपये के बजट का आवंटन किया था। वर्ष 2016-17 के लिए इस काम हेतु बजट राशि बढ़ाई गई है। इस बार स्कूलों के रखरखाव और मरम्मत के लिए 305 करोड़ 46 लाख रुपये के बड़े बजट की व्यवस्था की गई है। जरूरत पड़ने पर इस बजट की राशि में बढ़ोतरी की जा सकती है। सरकार बच्चों व स्टाफ को लेकर खासी गंभीर है। - प्रो. रामबिलास शर्मा, शिक्षा मंत्री, हरियाणा 
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साभारजागरण समाचार 
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