Tuesday, September 13, 2016

जीएसटी काउंसिल के गठन को मंजूरी, वित्त मंत्री की अध्यक्षता में बैठक 22-23 को

बहुप्रतीक्षित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) एक अप्रैल, 2017 से लागू करने की दिशा में अहम कदम उठाते हुए सरकार ने जीएसटी काउंसिल (जीएसटीसी) के गठन को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय वित्त मंत्री इस काउंसिल के अध्यक्ष होंगे। यही काउंसिल 22 नवंबर तक यह तय करेगी कि देश में जीएसटी की दर कितनी होगी, किस वस्तु
और सेवा को जीएसटी से छूट दी जाए और कितनी सीमा तक का कारोबार जीएसटी के दायरे से बाहर रखा जाए। जीएसटी काउंसिल की पहली बैठक 22 और 23 सितंबर को दिल्ली में होगी। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने सोमवार को वित्त मंत्रलय के जीएसटी काउंसिल के गठन के एक प्रस्ताव पर मुहर लगाई। हालांकि वित्त मंत्री अरुण जेटली दिल्ली से बाहर रहने की वजह से कैबिनेट की बैठक में मौजूद नहीं थे। राजस्व सचिव हसमुख अढिया ने कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रपति ने आठ सितंबर को संविधान संशोधन (122वां) विधेयक को मंजूरी दी। इसके बाद यह कानून बन गया है। इस संशोधन के बाद संविधान के अनुच्छेद 279ए के तहत 60 दिन के भीतर जीएसटी काउंसिल का गठन किया जाना था, लेकिन सरकार ने इसे चार दिन के भीतर ही मंजूरी दे दी। अढिया ने एक अप्रैल, 2017 से जीएसटी लागू होने का भरोसा जताते हुए कहा कि सरकार की तैयारियां समय से आगे चल रही हैं। उन्होंने बताया कि वह तत्काल ही सभी राज्यों को पत्र लिखकर उनके वित्त या कर विभाग के प्रभारी मंत्री या फिर किसी अन्य मंत्री को जीएसटी के सदस्य के तौर पर नामित करने का अनुरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि जीएसटी काउंसिल की पहली बैठक वित्त मंत्री की अध्यक्षता में इस महीने की 22 और 23 तारीख को होगी। उन्होंने हालांकि इस बैठक का एजेंडा बताने से इन्कार कर दिया। उन्होंने साफ कहा कि केंद्र ने अब तक जीएसटी लागू करने की तैयारियां समय पर की हैं, लेकिन अब विभिन्न मुद्दों के बारे में निर्णय जीएसटी काउंसिल को करने हैं।जीएसटी काउंसिल वस्तु एवं सेवा कर के संबंध में निर्णय लेने वाली शीर्ष संस्था होगी। इसमें केंद्र और राज्यों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। यही काउंसिल जीएसटी के तहत लिए जाने वाले सभी फैसलों के लिए जिम्मेदार होगी। काउंसिल की सबसे बड़ी चुनौती जीएसटी की दर तय करने को लेकर होगी। वित्त मंत्रलय में मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम ने जीएसटी की स्टेंडर्ड दर लगभग 18 प्रतिशत रखने, जबकि आवश्यक वस्तुओं पर 12 प्रतिशत तथा लग्जरी उत्पादों पर 40 प्रतिशत जीएसटी लगाने की सिफारिश की है। हालांकि जीएसटी काउंसिल को इस बात में संतुलन बिठाना होगा कि जीएसटी लागू होने पर न तो महंगाई बढ़े और न ही राजस्व हानि हो।
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साभारजागरण समाचार 
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