Monday, September 19, 2016

आतंक के खिलाफ लड़ाई पर पाकिस्तान 120 देशों के बीच पड़ा अकेला

आतंक के खिलाफ पाकिस्तान का दोहरा चरित्र गुट निरपेक्ष आंदोलन (नाम) में भी उजागर हो गया। उसने नाम के सम्मेलन में आतंक निरोधक कार्यसमूह बनाने के भारत के प्रस्ताव का विरोध किया। इससे सम्मेलन के अाधिकारिक बयान में भारतीय प्रस्ताव का जिक्र तो नहीं हुआ। लेकिन मेजबान वेनेजुएला समेत अधिकतर देश
इसके पक्ष में खड़े नजर आए। पाकिस्तान का साथ किसी ने नहीं दिया। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। पाकिस्तान ने इस मसले पर शनिवार को ही अपना विरोध जताया था। उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने रविवार को भारत का पक्ष फिर रखा। उन्होंने कहा, "आतंकवाद अंतरराष्ट्रीय शांति और राज्यों की संप्रभुता के लिए सबसे बड़ा खतरा है। विकास के मार्ग में बड़ी बाधा है। इसलिए गुटनिरपेक्ष देशों को वर्किंग ग्रुप बनाना जरूरी है, जो आतंक के मसले पर समन्वय करे।' गुटनिरपेक्ष आंदोलन में 120 देश हैं। 
हमारे पड़ोस के 'एक देश' ने अटकाया रोड़ा: संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने कहा, 'सभी देश आतंक के खिलाफ लड़ाई के लिए एक तंत्र बनाने पर सहमत हो रहे थे। लेकिन हमारे पड़ोस के एक देश ने रोड़ा अटका दिया। अच्छी बात ये है कि वेनेजुएला समेत कई देशों ने कहा कि आतंक से लड़ना प्राथमिकता में है।'
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साभार: भास्कर समाचार 
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