Friday, August 14, 2015

प्राइवेट स्कूल दें गरीब बच्चों को दाखिला, वरना मान्यता होगी रद्द

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के आदेशानुसार निजी स्कूलों ने मेधावी गरीब बच्चों को दाखिला नहीं दिया तो शिक्षा विभाग उनकी मान्यता रद कर देगा। दाखिला नहीं मिलने संबंधी शिकायत के बाद यह कार्रवाई जिला स्तरीय कमेटी की सिफारिश पर की जाएगी। सरकार ने अपने स्तर पर दाखिला शुरू करने का आदेश जारी कर दिया है, जिसका पहला ड्रा शुक्रवार को निकाला जाएगा। यह जवाब विशेष सचिव स्कूल एजुकेशन हरियाणा आरएस
खरब ने हाईकोर्ट में वीरवार को दाखिल किया। गरीब मेधावी बच्चों को स्कूलों में मुफ्त शिक्षा देने के लिए दाखिला नहीं देने पर अतिरिक्त मुख्य सचिव शिक्षा टीसी गुप्ता व विशेष सचिव आरएस खरब के खिलाफ अवमानना मामले में उक्त प्रक्रिया शुरू करने और दाखिला शेड्यूल जारी करने की जानकारी हाईकोर्ट को दी गई है। सरकार निजी स्कूलों को फीस की रिइंबर्समेंट भी देगी, हालांकि सरकार ने कहा है कि यह रिइंबर्समेंट ऐसे किसी भी फैसले पर आधारित होगी, जो सरकार की ओर से पुनर्विचार के लिए सुप्रीम कोर्ट में दायर किया जाएगा। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी कि यदि निजी स्कूलों को फीस रिइंबर्समेंट करनी पड़ी तो सरकार पर खासा बोझ पड़ेगा। यह एसएलपी खारिज हो गई थी और सुप्रीम कोर्ट ने पुनर्विचार अर्जी दाखिल करने की छूट दी थी। अब सरकार ने हाईकोर्ट में दाखिल जवाब में कहा है कि पुनर्विचार अर्जी दायर की जा सकती है। स्कूलों में दाखिले का शेड्यूल हाईकोर्ट में पेश किया गया। पहला ड्रा 14 अगस्त शुक्रवार को होगा। इस ड्रा के आधार पर 19 और 20 अगस्त को दाखिले होंगे। बची सीटों पर दाखिले के लिए दूसरा ड्रा 24 अगस्त को होगा और दाखिले 25 अगस्त को होंगे। तीसरा ड्रा 27 अगस्त को होगा और दाखिले 28 अगस्त को होंगे। इसके बाद भी यदि सीटें बचीं तो स्कूल चार सितंबर से पहले जिला स्तरीय कमेटी के पास सूची जमा कराएंगे। हाईकोर्ट को बताया गया है कि दाखिलों के प्रति शिकायत निवारण के लिए मेकैनिज्म भी तैयार किया गया है। यदि निजी स्कूल हरियाणा स्कूल रूल्स का पालन करने में कोताही बरतते हैं तो नियमानुसार उनकी मान्यता रद्द कर दी जाएगी। यह कार्रवाई जिला स्तरीय कमेटी की सिफारिश पर होगी। इसके अलावा यदि किसी व्यक्ति को कोई शिकायत है तो वह जिला कमेटी अथवा ब्लाक कमेटी के पास अपनी शिकायत दे सकेगा। हाईकोर्ट ने सुनवाई 16 नवंबर के लिए स्थगित कर दी है। उल्लेखनीय है कि पिछली सुनवाई पर हाईकोर्ट ने कहा था कि सरकार जानबूझ कर दाखिले में देरी कर रही है और प्रारंभिक तौर पर यह हाईकोर्ट के फैसले की अवमानना प्रतीत हो रही है। हालांकि हाईकोर्ट ने दाखिले संबंधी की जा रही कार्रवाई की जानकारी तलब की थी।

साभार: अमर उजाला समाचार 

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