नोटबंदी के बाद खातों में संदिग्ध जमाओं को लेकर आयकर विभाग ने 18 लाख लोगों की पहचान की है। साथ ही पांच लाख रुपए से ज्यादा राशि खातों में जमा कराने वाले खाताधारकों को ईमेल और एसएमएस भेजकर फंड के
स्रोत की जानकारी दस दिन में देने को कहा गया है। दस दिन के दौरान ऐसे खाता धारकों ने जबाव नहीं दिया तो, आयकर विभाग उनको नोटिस करेगा और कार्यवाही करेगा। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। आयकर विभाग ने ऑपरेशन क्लीन मनी लॉन्च किया है। इसके तहत केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) असेसी के डेटा का विश्लेषण कर उसके प्रोफाइल का मिलान कर रहा है। जिन खाताधारकों की आठ नवंबर के बाद की जमा रकम टैक्स प्रोफाइल से मेल नहीं उनसे विभाग ई-कम्युनिकेशन कर रहा है। राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने मंगलवार को इस बात की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन क्लीन मनी एक सॉफ्टवेयर है। इससे आठ नवंबर के बाद बैंक खातों में जमा राशि के बारे में सवाल किए जाएंगे। जरूरत पड़ने पर कानूनी कदम उठाए जाएंगे। 8 नवंबर के बाद 500 और 1000 रुपए के नोटों को अमान्य घोषित किए जाने के बाद केंद्र सरकार ने 30 दिसंबर तक इन नोटों को बैंक में जमा कराने का मौका दिया था। सीबीडीटी के चेयरमैन सुशील चंद्रा ने बताया कि लोगों को ऑनलाइन जबाव देने के लिए दस दिन का समय दिया गया है। लोग आयकर विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल पर अपने जबाव ऑनलाइन दे सकेंगे। शुरुआती तौर पर पांच लाख रुपए से ज्यादा जमा कराने वालाें का डेटा का विश्लेषण होगा। इसके बाद तीन से पांच लाख रुपए जमा कराने वाले लोगों के डेटा का विश्लेषण किया जाएगा। शुरुआती तौर पर पोर्टल पर 18 लाख लोगों का डेटा अपलोड किया गया है। इन लोगों को अपने जबाव देने है।उन्होंने बताया कि आयकर विभाग ने दो लाख रुपए से ज्यादा जमा कराने वाले एक करोड़ खाताधारकों के डेटा को कंपाइल किया है। इनके आंकड़ों का विभिन्न मापदंडों पर विश्लेषण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस योजना का मकसद करदाताओं को अनावश्यक परेशान करने से बचने का है। लोगों को जबाव देने के लिए आयकर विभाग के दफ्तर में आने की जरूरत नहीं होगी।
सही जवाब नहीं मिलने पर भेजेगा नोटिस: ऑनलाइन जबाव आयकर विभाग के डेटा से मेल नहीं खाएगा या जवाब नहीं मिलता या संतोषजनक जवाब नहीं होगा तो उन्हें नोटिस भेजा जाएगा। आयकर विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल पर 'क्लीन मनी' सॉफ्टवेयर के माध्यम से लोगों के जवाबों का विश्लेषण किया जाएगा। इसमें जिन लोगों के जवाब खरे नहीं उतरेंगे उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। इसलिए आयकर विभाग ने लोगों से 10 दिन के भीतर अपने जवाब देने को कहा है।
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साभार: भास्कर समाचार
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