Wednesday, January 11, 2017

नोटबंदी की सलाह रिजर्व बैंक की नहीं, केंद्र सरकार की थी

रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने नोटबंदी पर बड़ा खुलासा किया है। इसने कहा है कि सरकार ने 7 नवंबर 2016 को उसे 500/1000 रु. के नोट बंद करने की 'सलाह' दी थी। इसी आधार पर अगले दिन इसके बोर्ड ने नोटबंदी की सिफारिश की। सिफारिश के चंद घंटे बाद ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी का ऐलान कर दिया। आरबीआई
ने संसद की वित्तीय मामलों की समिति को 7 पन्नों के नोट में यह जानकारी दी है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। कांग्रेस नेता वीरप्पा मोइली समिति के अध्यक्ष हैं। अभी तक सरकार के मंत्री कह रहे थे कि नोटबंदी का फैसला सरकार का नहीं, बल्कि सरकार ने रिजर्व बैंक की सिफारिश पर अमल किया है। आरबीआई के अनुसार सरकार ने कहा था, 'जाली नोट, आतंकवाद को फंडिंग और कालेधन को रोकने के लिए रिजर्व बैंक 500/1000 के नोट बंद करने पर विचार कर सकता है। अगले दिन बोर्ड की बैठक में सरकार की इस राय पर विचार हुआ और इन नोटों को बंद करने की सिफारिश करने का फैसला किया गया।' इस बीच एसबीआई चेयरपर्सन अरुंधति राय ने कहा कि नोटबंदी से उपजी दिक्कतें फरवरी के अंत तक खत्म होंगी। नीति आयोग के सदस्य बिबेक देबरॉय ने कहा कि नोटबंदी के बाद 10% पुराने नोट सिस्टम में वापस नहीं आएंगे। कुल 15.44 लाख करोड़ रु. के 500/1000 के नोट बंद किए गए थे। इस हिसाब से करीब डेढ़ लाख रु. बैंकों में जमा नहीं हुए। हालांकि कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि 97% पैसे बैंकों में जमा हो चुके हैं। 
5,000 और 10,000 के नोट छापने का दिया था सुझावरिजर्व बैंक ने 7 अक्टूबर 2014 को 5,000 और 10,000 रु. के नोट छापने का सुझाव दिया था। महंगाई और करेंसी पर खर्च को इसकी वजह बतायाा। सरकार ने 18 मई 2016 को 2000 के नोट छापने का फैसला किया। आरबीआई ने 27 मई को 2,000 के नोट के डिजाइन, साइज, रंग आदि के बारे में बताया। सरकार ने 7 जून को मंजूरी दी और उसी महीने प्रेस को नई सीरीज के नोट छापने के लिए कहा गया। 
रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर बिमल जालान ने कहा है कि आरबीआई की स्वायत्तता जरूरी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार इस बात का ध्यान रखेगी। सोमवार को पूर्व गवर्नर वाईवी रेड्‌डी ने भी कहा था कि संस्थान के तौर पर रिजर्व बैंक की प्रतिष्ठा को नुकसान हुआ है। 
आरबीआई ने पिछले महीने एक आरटीआई के जवाब में कहा कि प्रधानमंत्री की घोषणा के महज तीन घंटे पहले इसके बोर्ड ने नोटबंदी की सिफारिश करने का फैसला किया था। हालांकि आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल ने 7 दिसंबर को दावा किया था कि नोटबंदी का फैसला जल्दबाजी में नहीं किया गया।
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साभार: भास्कर समाचार 
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