Tuesday, January 3, 2017

शोध: ओवरवेट माता-पिता के बच्चों का विकास होता है देरी से

ओवरवेट होना सिर्फ खुद के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है, बल्कि होने बच्चे के लिए भी। यह खुलासा एक अमेरिकी रिसर्च में हुआ है। इसमें बताया गया है कि ओवरवेट पैरेंट्स के बच्चों का विकास देर से होता है। उनमें पर्सनल और सोशल एक्टिविटी भी देर से विकसित होती है। खासकर ओवरवेट महिलाओं के बच्चों पर इसका
और ज्यादा असर होता है। ऐसी महिलाओं के बच्चों के मसल स्किल्स देर से विकसित होती है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। यह दावा अमेरिका के चाइल्ड हेल्थ और ह्यूमन डेवलपमेंट के इयूनाइस केंडी शिरीवर नेशनल इंस्टीट्यूट ने किया है। वैज्ञानिकों ने 4 माह से 3 साल तक के 4821 बच्चों पर यह रिसर्च की। इनकी तुलना अंडरवेट महिलाओं के बच्चों से की गई। देखा गया कि ओवरवेट महिलाओं के बच्चों के मसल स्किल्स, उंगलियों और हाथों का विकास देर से हुआ। जबकि अंडरवेट महिलाओं के बच्चों का विकास जल्दी हुआ। इसके अलावा रिसर्च में पाया गया कि ओवरवेट महिलाओं के बच्चे खेलने और कपड़े पहनने में भी कमजोर होते हैं। अत्यधिक ओवरवेट पैरेंट्स के बच्चे प्राब्लम साल्विंग टेस्ट में भी फेल हो गए। इस रिसर्च का मकसद इनफर्टीलिटी ट्रीटमेंट्स, मोटापे, प्रेग्नेंसी की समस्याओं को ट्रैक करना था। इसके लिए एक क्वेश्चनरी टूल बनाया गया था। इससे बच्चों की स्क्रीनिंग की गई। इसकी मदद से छह साल तक के बच्चों के व्यावहारिक और शारीरिक विकास का आकलन किया गया। इसके अलावा मांओं की हेल्थ और लाइफस्टाइल से जुड़ी समस्याओं को भी ट्रैक किया गया। प्रेग्नेंसी से पहले की लंबाई और वजन का भी अध्ययन किया गया। इसके बाद शोधकर्ताओं ने इस रिसर्च डाटा का प्रयोग न्यूयॉर्क के 6 हजार बच्चों पर किया। उन पर भी इसी तरह का अध्ययन किया गया। 
रिसर्च टीम के प्रमुख डॉ. इडविना येयुंग कहते हैं 'इस रिसर्च से यह भी पता चला कि ओवरवेट पिता के बच्चों का विकास भी देर से होता है। पैरेंट्स के ओवरवेट होने से होने वाले बच्चे के हार्मोंस और ब्रेन भी सही तरह से विकसित नहीं हो पाते हैं। उसे हॉर्ट की बीमारियों, डायबिटीज और स्ट्रोक का भी खतरा होता है। इसके अलावा मोटापे से इनकम, एजुकेशन, स्मोकिंग और अल्कोहल फैक्टर भी जुड़ा हुआ है।' 
देश में प्रेग्नेंट होने वाली करीब 40 प्रतिशत महिलाएं ओवरवेट होती हैं: अमेरिका में हर पांच में से एक प्रेग्नेंट होने वाली महिला मोटी होती है। इनका बॉडी मास इंडेक्स 30 से ज्यादा होता है। जबकि स्वस्थ व्यक्ति के लिए एवरेज बॉडी मास 18.5 और 24.9 के बीच होना चाहिए। इसके अलावा 20 से 30 फीसदी युवा ओवरवेट हैं। एक रिसर्च के मुताबिक भारत में प्रेग्नेंट होने वाली करीब 28 फीसदी महिलाएं ओवरवेट और 11 फीसदी अत्यधिक ओवरवेट होती हैं।
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार 
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