Monday, September 5, 2016

अब मदर टेरेसा नहीं, संत टेरेसा के नाम से जानी जाएंगी

गरीबों और वंचितों के बीच मां बनकर उनके दुख दूर करने वाली मदर टेरेसा संत बन गईं। रविवार को वेटिकन सिटी के सेंट पीटर्स स्क्वायर में आयोजित भव्य समारोह में रोमन कैथोलिक चर्च ने उन्हें संत की उपाधि दी। मदर टेरेसा संत की उपाधि पाने वाली पहली भारतीय महिला हैं। 113 देशों के राष्ट्राध्यक्ष और एक लाख से
अधिक लोग इस पल के गवाह बने। भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी समारोह में भाग लिया। समारोह में पहुंचे भारतीयों ने तिरंगा भी लहराया। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। भारत के गिरजाघरों में इस मौके पर विशेष प्रार्थना सभाएं हुईं।
सुबह सेंट पीटर्स बैसीलिका के सामने दया की प्रतिमूर्ति के सम्मान में प्रार्थना सभा आयोजित की गई। यहां पर मदर टेरेसा की पहचान बनी नीले बॉर्डर वाली साड़ी में उनकी आदमकद प्रतिमा लगी थी। इस मौके पर पोप फ्रांसिस ने कहा, ‘मदर टेरेसा ने वंचितों की सेवा करके चर्च की परंपरा को आगे बढ़ाया। सेवा कार्य से उन्हें ईश्वरीय शक्ति प्राप्त हुई, उसे उन्होंने लोगों की भलाई में लगाया।’ समारोह में पूरे इटली से करीब 1,500 बेघर लोगों को बस से रोम लाया गया। सिस्टर्स ऑफ चैरिटी की 250 ननों और पादरियों ने इन्हें पिज्जा भोज परोसा।
संत यानी क्या: संत यानी सीधे ईश्वर का हिस्सा। इसका अर्थ है कि व्यक्ति ने पूरा जीवन इतने पवित्र तरीके से जिया कि अब वह स्वर्ग में स्थान पा गया है। अब वह ईश्वर के साथ मध्यस्थता कर चमत्कार करता है। उस व्यक्ति के आदर्श और बातें सीधे ईश्वर की बातें मानी जाती हैं।
कोलकाता की मदर टेरेसा को हम संत घोषित करते हैं। अब सभी चर्च उनका संत के रूप में सम्मान करेंगे। - पोप फ्रांसिस, रोमन कैथोलिक समुदाय के सर्वोच्च धर्मगुरु
मदर टेरेसा को संत की उपाधि से विभूषित किया जाना एक यादगार और गौरवपूर्ण क्षण है।1- नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
कैथोलिक चर्च की परंपरा में माना जाता है कि ईश्वर कुछ पवित्र आत्माओं को धरती पर लोगों की सेवा और चमत्कार करने के लिए भेजता है। ऐसे लोगों को संत की उपाधि देने से पहले चर्च उनसे कम से कम दो चमत्कारों की अपेक्षा करता है। मदर टेरेसा से जुड़े मामलों में दो को चमत्कार माना जाता है। पहला मामला बंगाल की महिला मोनिका बेसरा का है, जिसने बताया कि 2002 में मदर की प्रार्थना से उसके पेट का कैंसर ठीक हुआ था। दूसरे चमत्कार के विषय में ब्राजील के मार्सीलिओ हेडाड एंड्रीनो ने बताया कि 2008 में पत्नी फरनांडा द्वारा मदर की प्रार्थना करने से उनका ब्रेन ट्यूमर खत्म हो गया था।
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साभारजागरण समाचार 
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